BHILAI. एक से बढ़कर एक परिधानों में सजे बच्चे और फिर उनकी अलग—अलग गीतों में नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति। बारीकियां ऐसी कि मौके पर उपस्थित टीचर्स के साथ ही अतिथि भी अचरज में पड़ गए। अवसर था कृष्णा किड्स एकेडमी रिंसाली व उम्दा भिलाई-3 के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का। बच्चों की प्रस्तुति को सभी ने जमकर सराहा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सतीश ठाकुर डीएसपी (ट्रैफिक) दुर्ग रहे। उनकी अगवानी कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर के चेयरमैन एमएम त्रिपाठी, वाइस चेयरमैन आनंद त्रिपाठी, डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी, प्रिंसिपल श्रीमती सविता त्रिपाठी व द्वय प्राचार्या श्रीमती शोभना कुमार रिसाली व श्रीमती मौसमी उम्दा ने की। वहीं स्कूल के नृत्य शिक्षक श्रीराज के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसी कड़ी में उपस्थित अतिथियों के हाथों से मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। इसके बाद नन्हें बच्चों ने गणेश वंदना की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
शाला की प्राचार्य श्रीमती शोभना कुमार ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि शिक्षक उस माली के समान है जो एक बगीचे को अलग-अलग रूप-रंग के फूलों से सजाया है। साथ ही उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए शिक्षा के साथ संस्कारों के बीजारोपण पर भी जोर दिया। इस दौरान कृष्णा किड॒स उम्दा की प्राचार्या श्रीमती मौसमी की ओर से शाला का वार्षिक ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। श्रीमती सविता त्रिपाठी ने अपने स्वागत भाषण में बाल्यावस्था को जीवन की मूलअवस्था बताते हुए कहा कि बचपन एक ऐसी उम्र है जो बगैर किसी तनाव के मस्ती से जिंदगी का आनंद लेता है। आज के इस प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ में यदि कोई सशक्त हाथ इन्हें थाम ले, जिससे इनकी ऊर्जा व बेखौफ इरादे के साथ उन्मुक्त बचपन के साथ उनके सपनों को साकार करने को दिशा दी जाए, तो ये नन्हा बचपन निश्चित ही एक सुदृढ़ राष्ट्र की ओर कदम बढ़ाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में केपीएस ने हासिल की बुलंदी
मुख्य अतिथि डीएसपी सतीश ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि बचपन यानी जीवन का वह सुंदर क्षण है जो हमारी सुनहरी यादों के रूप में हमेशा जुड़ा रहता है। बचपन सभी जिम्मेदारियों से मुक्त रहता है। वहीं संस्था के बारे में कहा कि इस संस्था की न सिर्फ नींव मजबूत है और इमारत बुलंद है बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में कृष्णा पब्लिक स्कूल ने विशेष बुलंदी हासिल की है। उन्होंने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपना बहुमूल्य समय बच्चों के साथ बिताएं। जो अभिभावक बच्चों को अपना समय देते हैं और उनकी समस्याओं को सुनते हैं । उन बच्चों का भविष्य उज्जवल और सुनहरा होता है।

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स्वैग के साथ उमंग का किया स्वागत
इसी कड़ी में कार्यक्रमों की प्रस्तुति बच्चों ने शुरू की। कक्षा नर्सरी से चौथी तक के लगभग 350
विद्यार्थियों ने अलग-अलग 27 कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपनी प्रस्तुति दी। इस रंगारंग कार्यक्रम में स्वेग से करेंगे सबका स्वागत गीत की मधुर ताल के साथ जब मंच पर थिरके तब उन बच्चों का जोश और उत्साह देख दर्शक झूम उठे। वर्तमान के इस मोबाइल युग में जब चारों ओर सेल्फी का दौर है ऐसे में नर्सरी के नन्हें-मुन्हें बच्चों ने ‘सेल्फी ले ले’ गीत के जरिए सेल्फी भी ली। उनके बालपन की मासूमियत पर दर्शक भी मोहित हो उठे। आकर्षक वेश-भूषा के साथ बार्बी गर्ल बनकर जब बालाओं ने अपना नृत्य की प्रस्तुति दी तब इस मनोहारी नृत्य को देख दर्शक प्रफुल्लित हो गए।
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को भी किया जीवंत
इस मौके पर बच्चों ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेश-भूषा को धारण किए नृत्य में छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को प्रस्तुत किया तो पूरा माहौल तालियों की गड़गडाहट से गूंज उठा। नौनिहालों द्वारा प्रस्तुत बंशी बजैया नृत्य को देख सारा माहौल राधाकृष्ण के सुंदर लीला में डूब गया। शिव के रौद्र रूप को दर्शाते शिव तांडव की प्रस्तुति से दर्शक रोमांचित हो उठे। कार्यक्रम के अंतिम दौर में समाज को संदेश देता हुआ चाइल्ड लेबर एक अभिशाप है इसकी प्रस्तुति ने दर्शकों को यह प्रण करने पर मजबूर किया कि बच्चों के कोमल हाथ मजदूरी के लिए नहीं बल्कि शिक्षित होकर देश को सशक्त बनाने के लिए है। प्रत्येक प्रस्तुति के बाद स्कूल का प्रांगण दर्शकों के करताल ध्वनियों व वाहवाही से गूंजता रहा।





































