BHILAI. माइलस्टोन अकादमी की ओर से बच्चों को सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं दिया जाता बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर जोर दिया जाता है। इसी कड़ी में उन्हें सभी धर्मों का आदर करना सिखाया जाता है, साथ ही उनकी परंपराओं और संस्कार की बातें बताई जाती है। इसी कड़ी में इस बार उन्हें गुरुद्वारा ले जाया गया। साथ ही वहां अपनाए जाने वाले नियम व रिवाज की भी जानकारी दी।
गुरु नानकदेव की जयंती आठ नवंबर को मनाई जाएगी। इससे पहले गुरुद्वारों को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है और अन्य तैयारियां भी की जा रही हैं। इस बीच माइलस्टोन अकादमी में फिर से कुछ नया प्रोग्राम बनाने पर चर्चा हुई। अकादमी की डायरेक्टर डॉ. ममता शुक्ला की पहल पर तय किया गया कि जैसे प्रत्येक धर्म और उसके त्यौहार का हमेशा ध्यान रखा जाता है, उसी के अनुरूप इस बार भी कुछ किया जाए।
दरअसल, स्कूल में प्रत्येक धर्म के बच्चे आते हैं। सभी बच्चों को सभी धर्मों का महत्व भी इसी तरह के कार्यक्रम से समझाया जाता है। ऐसे में तय हुआ कि गुरुद्वारा का भ्रमण बच्चों को कराया जाए। इसके बाद सभी बच्चों को गुरुद्वारा ले जाया गया। इस दौरान सभी को ये भी बताया गया कि गुरुद्वारे में कोई भी सिर पर बिना कपडे़ के नहीं जाता। हमें यहां सिर पर रुमाल या दूसरा कोई कपड़ा रखकर जाना चाहिए। जैसे-जैसे विद्यालय में बच्चों को समझाया गया, बच्चों ने प्रत्येक नियम को ईमानदारी से माना। साथ ही सभी बच्चों ने सिर पर रुमाल रखकर गुरुद्वारा के अंदर प्रवेश किया और फिर सभी ने मत्था भी टेका। इन बच्चों की समझदारी सभी को अच्छी लगी।
माइलस्टोन बच्चों ने के किया गुरुद्वारे का भ्रमण,
इस आयोजन को लेकर बताया गया कि ये सब डायरेक्टर मैडम के सुझाव और प्रिंसिपल मैडम के मार्गदर्शन में ही संभव हो पाता है। विद्यालय में हरदम कुछ नया होता है। यहां बच्चों के ज्ञान और संस्कार काे गढ़ा जाता है। यही संस्कार बच्चों के लिए माइलस्टोन साबित होगा। अंत में सभी को गुरुनानक जयंती की शुभकामनाएं दी गई।
गुरुद्वारा