BHANUPRATAPPUR. छत्तीसगढ़ में इन दिनों उप चुनाव की सरगर्मी तेज है। चुनाव में दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा और कांग्रेस द्वारा ताकत से लड़ा जा रहा है। यहां दोनों पार्टियों की ओर से प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं इस कड़ी में बस्तर के ही दिग्गज विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री की सभा में ग्रामीण उनका विरोध करने लगे। प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे में लगाए गए। मंत्री की सभा में ग्रामीणों के विरोध के बाद माननीय की बोलती बंद हो गई।
बस्तर संभाग के उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा में उप चुनाव होना है। यहां चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल इंडिया कांग्रेस (CONGRESS) पार्टी द्वारा ताल ठोका जा रहा है। इस कड़ी में यहां कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए पहुंचे प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा का जमकर विरोध हो गया। ग्रामीणों ने मंत्री लखमा की सभा में विरोध करने लगे।
आरक्षण पर छत्तीसगढ़ सरकार के बेबाद मंत्री की बोलती हुई बंद@ChhattisgarhCMO @bhupeshbaghel @tamradhwajsahu0 @CG_Police @KankerDistrict @Kawasilakhma pic.twitter.com/aFMiclIXEQ
— Tirandaj (@Tirandajnews) November 24, 2022
लखमा भाषण दे रहे थे तभी लोगों ने नारेबाजी की और कांग्रेस पार्टी द्वारा छल करने का आरोप लगाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हमारे दिवंगत विधायक मनोज मंडावी ने 2018 चुनाव पूर्व भानुप्रतापपुर को जिला बनाने का ऐलान किया था लेकिन आज तक भानुप्रतापपुर जिला नहीं बन पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार हम आदिवासियों के आरक्षण को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति (SC) वर्ग का आरक्षण भी कम कर दिया गया। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) वर्ग के आरक्षण को भी प्रभावित कर दिया गया है।
खासे नाराज लोगों ने जमकर मंत्री का विरोध किया। लोगों ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। सभा में भाषण देते हुए मंत्री कवासी लखमा ने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा रहे थे कि ‘हमने कर्जा माफी किया। धान का रेट 25 सौ रुपए का वादा पूरा किया। पूरा बस्तर कोंटा से लेकर भानुप्रतापपुर और दुर्गुकोंडल तक सभी ने कांग्रेस पार्टी को वोट दिया। यहां (बस्तर संभाग) की सभी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के MLA जीतकर सदन पहुंचे’ तभी ग्रामीण भूपेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे और हर मसले पर बेबाक टिप्पणी करने वाले मंत्री कवासी लखमा की बोलती बंद हो गई।
इसी बीच ग्रामीणों ने कहा कि भूपेश सरकार हम आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण पर कोर्ट में सही ढंग से पेश नहीं कर पाई। नाराज ग्रामीणों ने कहा कि सरकार के रवैये के चलते ओबीसी समाज, एससी समाज का आरक्षण बूरी तरह से प्रभावित हो गया कहते हुए लोग फिर भूपेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। तभी मंत्री ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और माइक से ही ‘ए, बाद में बात करेंगे’ कहा लेकिन ग्रामीण रुके ही नहीं। ग्रामीण जन आगे भानुप्रतापपुर जिले बनाने के ऐलान का उल्लेख करने लगे और प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र से जो पैसा आया था उसे भूपेश सरकार ने वापस कर दिया।
ग्रामीणों ने कहा कि 32 सदस्य है लेकिन कोई भी हमारी आवाज नहीं उठाता है। एक ग्रामीण ने कहा कि मैं देखने गया था, वहां दादा (कवासी लखमा) भी थे, विधायक शिशुपाल सोरी से लेकर मंत्री अमरजीत भगत, मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम भी थे लेकिन 32 परसेंट आरक्षण पर कोई मंत्री-विधायक भी नहीं बोलता। सभी सीएम के सामने जी-जी करते रहते है।
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