तीरंदाज डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी पाकिस्तानी पीएम की कुर्सी पर पांच साल नहीं टिक पाए। रविवार को वह नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे इमरान ने आखिरकार हथियार डाल दिए। इमरान ने राष्ट्रपति से सरकार भांग करने की सिफारिश की। इसके बाद राष्ट्रपति ने संसद भांग कर दी। अब तीन महीने के भीतर पाकिस्तान में चुनाव करने होंगे। बताते चलें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सीटें हैं। इनमें से इमरान खान को बहुमत के लिए 172 सीटों की जरूरत थी। सरकार बनाने के समय उनके पास समर्थन समेत कुल 177 सीटें थीं, लेकिन अब ये कम हो गईं थीं।
बताया जा रहा है कि इमरान खान ने अपनी ही पार्टी के करीब 50 सदस्यों का समर्थन खो दिया था। इसके बाद एमक्यूएम-पी ने पीपीपी से करार किया था। इस पार्टी ने इससे पहले इमरान सरकार को अपना समर्थन दिया था। वहीं, बलूचिस्तान अवामी पार्टी ने भी इमरान खान की पार्टी से समर्थन वापस ले लिया था। लिहाजा, इमरान खान की सरकार गिरना तय माना जा रहा था। दूसरी ओर, इमरान खान को सेना का समर्थन भी नहीं मिल रहा था। बताते चलें कि पाकिस्तान में सरकार बनाने में सेना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है और उसी के इशारे पर कोई पीएम बनता है।
इमरान ने समर्थकों से जुटने की अपील की थी
इमरान खान भी जानते थे कि अविश्वास प्रस्ताव का नतीजा क्या होगा। लिहाजा, उन्होंने समर्थकों से आज इस्लामाबाद में जुटने की अपील की थी। पार्टी नेताओं का कहना है कि आज इस्लामाबाद में उनके समर्थन में करीब एक लाख लोग जुटेंगे। इमरान खान ने देश के युवाओं से अपील की है कि वे विपक्ष की साजिश का हिस्सा न बनें और अपने हाथ मजबूत करें। इसे देखते हुए प्रशासन ने इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर दी थी।
इमरान खान ने कहा था कि सरकार पर संकट विदेशी ताकतों की साजिश है, जिस पर विपक्ष नाच रहा है। हालांकि, विपक्ष ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था। बता दें कि इससे पहले बेनजीर भुट्टो और शौकत अजीज को भी ऐसे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ चुका है।
सरकार ने पंजाब के राज्यपाल को हटाया
पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने बताया है कि केंद्र ने पंजाब के राज्यपाल चौधरी मोहम्मद सरवर को उनके विवादित पोस्ट के बाद हटा दिया है। इससे पहले पंजाब के सीएम उस्मान बजदार ने इस्तीफा दे दिया था। आज पाकिस्तान के पंजाब में नए सीएम की चर्चा है।