तीरंदाज डेस्क। पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। तीन साल में कोरोना की लहर आती है, जाती है। यह संक्रमण तीन बार आकर लाखों की जान ले ली। कोरोना को लेकर बार-बार अनदेखी से लोगों में फिर संक्रमण बढ़ने लगा है। ऐसे में छ्त्तीसगढ़ में संक्रमण को हल्के में लेने वालों को चेतावनी है कि वे सावधान हो जाएं।
बता दें कि देश में एक बार फिर कोरोना पैर पसारने लगा है। तेजी से बढ़ते मामले लोगों की परेशानियां बढ़ाने जा रहा है। इसीलिए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही वैक्सीनेशन को लेकर अहम फैसला ले सकती है।
इसी के तहत सरकार वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के गैप को लेकर जल्द ही नया निर्णय लेने वाली है। दो डोज के बीच के गेप को कम कर 6 महीने करने पर विचार कर रही है। अभी कोरोना की दूसरी डोज के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल इम्यूनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) की बैठक होनी है। इस बैठक में एडवाइजरी ग्रुप दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच के समय को कम करने की सिफारिश कर सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बूस्टर डोज के समय कम करने से पहले आईसीएमआर और अन्य इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 6 महीने बाद एंटीबॉडी स्तर कम हो जाता है। ऐसे में इस समय बूस्टर डोज देकर इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ जाता है। फिलहाल 18 साल की उम्र से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के 9 महीने बाद बूस्टर डोज लगवाने की मंजूरी है।
बता दें कि, इस मामले से जुड़े अधिकारियों के अनुसार देश और विदेश में वैज्ञानिकों के सुझाव और स्टडी के नतीजों के आधार पर जल्द कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच समय अंतराल 9 महीने से घटाकर 6 महीने का किया जा सकता है। हालांकि अंतिम फैसला एनटीएजीआई के सुझाव पर लिया जाएगा।
(TNS)