बस्तर। छत्तीसगढ़ में माओवादियों की साजिश नाकाम हो गई है। मुखबिर की सूचना पर इसमें तेलंगाना पुलिस ने बड़ी सक्रियता दिखाई है। नक्सलियों को गोला-बारूद आपूर्ति करने वाले पांच आरोपियों को पकड़ कर उनसे 300 से अधिक डेटो नेटर बरामद किया है।
नक्सली बस्तर में बड़े धमाके के फिराक में थे। समय रहते छत्तीसगढ़ के बस्तर को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम कर दी गई। दहलाने के लिए नक्सली देश के अन्य राज्यों से विस्फोटक सामान इकट्ठा कर रहे थे, लेकिन ये सामान बस्तर पहुंचने से पहले ही पुलिस के हाथ लग गए।
इसमें पड़ोसी राज्य तेलंगाना की करीमनगर कमिश्नरेट पुलिस ने नक्सली संगठन को गोला-बारूद की आपूर्ति करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे बड़ी मात्रा विस्फोटक भी बरामद किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी करीमनगर के एसपी सत्यनारायण ने दी। उन्होंने बताया कि पुलिस की एक टीम सुबह करीमनगर हैदराबाद रोड पर टोल प्लाज़ा पर जांच कर रही थी, यहीं विस्फोटक जखीरा पकड़ा गया।
पता चला कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए गोला-बारूद ले जाया जा रहा है। उसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने स्कॉर्पियो और स्विफ्ट वाहन से 14 पेटी डेटोनेटर जब्त किया गया। मामले में मौके से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मामले में कुछ अन्य लोगों को भी नामजद आरोपी बनाया गया है।
इनके पकड़ाने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। सीपी सत्यनारायण के मुताबिक आरोपी मुदीमुडेना चिन्नाराव का एक कोरम विजय नाम का दोस्त है। विजय की दोस्ती नक्सली नेता कट्टा रामचंद्रन रेड्डी और सेंट्रल कमेटी मेंबर विकल्प सहित कई बड़े नक्सलियों से है। जहां विजय नक्सलियों को गोला-बारूद की आपूर्ति का काम कर रहा था।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस काम के लिए 3 लाख रुपए मिले थे। इस मामले में विजय व अन्य आरोपी फरार है, जिनकी तलाश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस कर रही है। बता दें कि करीमनगर पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 14 पेटी डेटोनेटर जप्त किया है। एक पेटी में 30 नग डेटोनेटर रहता है। सभी मिलाकर 14 पेटी में लगभग 420 मिनट डेटोनेटर मिला।
पुलिस के अनुसार जप्त इन डेटोनेटर के जरिए कम से कम 300 से ज्यादा धमाके किए जा सकते हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि जो डेटोनेटर जप्त किया गया है वह इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर है। डेटोनेटर वह उपकरण है जो बम को सक्रिय करता है। इसे हम बम का ट्रिगर भी कह सकते हैं।
पुलिस ने एक और जानकारी दी कि वर्तमान में नक्सलियों का टीसीओसी चल रहा है। इस टीसीओसी में नक्सली और खतरनाक हमला करते हैं। बताया गया कि अब तक बस्तर में जितनी बड़ी वारदातें हुई हैं वह टीसीओसी के दौरान हुई है। नक्सलियों की टीसीओसी की शुरुशुआत फरवरी से होती है और मई के अंत तक चलती है।
इस मामले के पुलिस की एक्सपर्ट टीम ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में मिले डेटोनेटर से नक्सली पूरे बस्तर को हिला सकते थे। वे बड़ी वारदात को अंजा म दे सकते थे। देखा जाए तो इतनी बड़ी मात्रा में डेटोनेटर के पकड़े जाने से एक तरफ जहां तेलंगाना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, वहीं बस्तर पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। विस्फोटक जप्त हो जाने से नक्सली संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है।
(TNS)