Tirandaj Desk। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा कि उसने रूसी कंपनियों के साथ स्विफ्ट से संबंधित लेन-देन के संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। इस मामले में बैंक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की सलाह का इंतजार कर रहा है। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ रूसी संस्थाओं के साथ लेन-देन बंद कर दिया है, जिनके खिलाफ पश्चिम देशों ने प्रतिबंधित लगाया है।
दरअसल, एसबीआई को डर है कि ऐसी संस्थाओं या क्षेत्रों के साथ कोई भी लेन-देन करने से उस पर प्रतिबंध लग सकता है। यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाड़ा सहित कई पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाते हुए कुछ रूसी बैंकों को स्विफ्ट का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
बताते चलें कि स्विफ्ट एक वैश्विक बैंकिंग प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने या मंगाने के लिए किया जाता है।
रूस और भारत के बीच अरबों डॉलर का है व्यापार
भारत का बहुत पुराना सहयोगी रूस रहा है। वह भारत के हर मुश्किल वक्त में साथ खड़ा रहा है और वैश्विक मंचों पर भी भारत का खुलकर साथ देता रहा है। रूस से भारत मुख्यरूप से रक्षा उत्पादों और उपकरणों पर निर्भर रहा है। दोनों देशों के बीच वर्तमान में कई हथियारों की खरीद को लेकर डील हो चुकी है। भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस वित्त वर्ष में अब तक 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है, जो 2020-21 में 8.1 अरब अमेरिकी डॉलर था।
रूस से भारत के मुख्य आयात में ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण शामिल हैं। भारत से रूस को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में फार्मास्युटिकल उत्पाद, विद्युत मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहन शामिल हैं।
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स्विफ्ट क्यों जरूरी
सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संदेश सेवा है। यह भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और संस्थानों को जोड़ती है। दुनिया भर में एक देश से दूसरे देश में पैसों के ट्रांसफर के लिए इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।