दुर्ग। 2 माह पहले विद्युत नगर पदमनाभपुर से लापता हुए इंजीनियर की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने अशोक देशमुख चन्दखुरी , विक्की उर्फ मोनू देशमुख ग्राम केनालपारा तथा बसंत कुमार साहू को गिरफ्तार किया है। हत्या का मास्टरमाइंड चंदखुरी गांव का पूर्व पंच अशोक देशमुख है। जिसने आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अपने दो साथियों के साथ पूरी वारदात को अंजाम दिया। हत्या और फिरौती के लिए इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया।
दरअसल आरोपियों ने पहले अपहरण कर फिरौती की योजना बनाई थी लेकिन तीनों ने मिलकर इंजीनियर की हत्या ही कर दी। हत्या के बाद शव को झरझरा पुलिया के पास एक खेत में हार्वेस्टर के चक्के से बने गड्ढे में दबा दिया था। हत्या के करीब 1 माह बाद पुलिस ने यहां से नर कंकाल बरामद किया जिसके डीएनए जांच में पता चला कि यादव इंजीनियर शिवांग चंद्राकर का था। इसके बाद से ही पुलिस को ओरापियों की तलाश थी।
6 दिसंबर को हुआ था लापता
मामले का खुलासा करते हुए आईजी ओपी पाल ने बताया कि 6 दिसंबर को शिवांग चंद्राकर चंदखुरी स्थित अपने फॉर्म हाउस से लापता हो गया था। वह अपनी मां के घर जाने के लिए बाइक से निकला था लेकिन घर नहीं पहुंचा। जबकि उसकी बाइक फॉर्म हाउस के पास ही पाई गई। इस मामले में पूर्व पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर इंजीनियर की तलाश शुरू कर दी।
एक माह बाद मिला नरकंकाल
गुमशुदगी दर्ज होने के एक माह बीतने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला था। इस दौरान 5 जनवरी को शिवांग चंद्राकर के बड़े भाई धर्मेश चंद्राकर ने पुलिस थाने पहुंचकर सूचना दी कि झरझरा पुल के पास हरीश साहू के खेत में हार्वेस्टर के चक्के से बने गड्ढे में मानव खोपड़ी घड़ी, कपड़ा व अन्य सामान देखा गया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सारा सामान जब्त किया। घड़ी देखकर धर्मेश चंद्राकर ने बताया कि यह शिवांग चंद्राकर की घड़ी है। उसके बाद डीएनए टेस्ट में भी नर कंकाल शिवांग चंद्राकर का होना पाया गया।
पूर्व पंच से थी पुरानी रंजिश
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि चंदखुरी के पूर्व पंच अशोक देशमुख के साथ शिवांग चंद्राकर के परिवार की पुरानी रंजिश थी। जब पुलिस ने अशोक चंद्राकर को शक के आधार पर पूछताछ की तो उसने घटना वाले दिन अपने घर पर होने की जानकारी दी। जबकि उसकी पत्नी का कॉल डिटेल जांच करने पर पता चला कि वह घर पर नहीं था। उसकी पत्नी ने उसे कई बार कॉल किया लेकिन वहां कॉल रिसीव नहीं कर रहा था। इसके बाद अशोक देशमुख का झूठ पकड़ा या सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या का अपराध कबूल कर लिया।
हत्या कर फिरौती मांगने का था प्लान
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद उनका प्लान फिरौती मांगने का था। योजना के मुताबिक ही वे लोग शिवांग चंद्राकर का इंतजार करने लगे। 7:30 बजे शिवांग चंद्राकर फार्म हाउस से निकला तो अशोक देशमुख ने उसे लिफ्ट मांगी। शिवांग चंद्राकर ने अशोक देशमुख को जैसे ही अपनी बाइक के पीछे बैठाया तो उसने उसे कसकर जकड़ लिया। इस दौरान पार्क में छिपे विक्की देशमुख व बसंत साहू भी पीछे से आ गए। और नायलोन की रस्सी से शिवांग चंद्राकर का गला घोंट दिया। जिससे उसकी वहीं मौत हो गई।
इसके बाद अशोक देशमुख की कार की डिक्की में शव को डाला गया। यहां से लेकर जाकर पुल के पास हरीश साहू के खेत में हार्वेस्टर के चक्के से बने गड्ढे में शव को डालकर मिट्टी और पैरा पत्थर से दबा दिया। सुबूत मिटाने के लिए पैंट शर्ट को जला दिया और बाकी सामान पास के तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कार, बाइक व अन्य सामान जब्त किया है।