रायगढ़। निर्माणाधीन मकान ढहने से एक भागवताचार्य की मौत हो गई। कुछ घंटे पहले छत की ढलाई की गई थी। उसके बाद जांच के लिए मिस्त्रियों के साथ ढलाई एरिया के अंदर गए ही थे कि घटना घट गई। आनन-फानन में पंडितजी को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी अनुसार रायगढ़ जिले के थाना तमनार अंतर्गत ग्राम नागरमुड़ा में शनिवार की शाम यह घटना घटी। जहां भागवताचार्य योगेश महाराज के मकान में दो मंजिला मकान के छत की ढलाई हुई थी। ढलाई का काम पूरा करने के बाद श्रमिक चले गए थे। उसके बाद कहीं छूटा तो नहीं, या कहीं कमजोर स्थिति तो नहीं है यह सोचकर काम को देखने के लिए मकान मालिक पंडित योगेश महाराज, मिस्त्री चतुर्भुज और संतोष मिश्रा अंदर गए थे। इस दौरान सेट्रिंग की कमजोरी के चलते ढलाई की गई छत धराशाई हो गई।
घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी जीपी बंजारे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू किए। थाना प्रभारी ने बताया कि 4 घंटे की रेस्क्यू के बाद पंडित को रात्रि 12 बजे मलबे से बाहर निकाला जा सका। उसके बाद उन्हें सीएचसी तमनार लाया गया, जहां बीएमओ डॉक्टर डीएस पैकरा ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
इस घटना में जान गंवाने वाले भागवताचार्य योगश महाराज राधा माधव सेवा आश्रम नेत्रहीन विद्यालय, कसडोल के संचालक थे। वे पंडित योगेश महाराज भागवताचार्य कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर के परम शिष्य थे। घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। बचाओ-बचाओ के साथ आसपास के लोग दौड़े। तब तक काफी देर हो चुकी थी। चार घंटे में योगेश महाराज के बूरी तरह से दबे होने के कारण गंभीर थे।
बताया जा रहा है कि इस मकान के बाजू में एक 1200 स्क्वेयर फ़ीट की जमीन है। जहां भी मकान बनाने की तैयारी की जा रही थी। पंडितजी के मकान के पास खनन का भी काम चल रहा है। जेसीबी से काम होने पर ऐसी घटना का खतरा रहता है। नागरमुड़ा गांव जिंदल के कोल माइंस इलाके से सटा हुआ है।
(TNS)