तीरंदाज डेस्क। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमले के बाद सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ाते हुए जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद की सुरक्षा में अब सीआरपीएफ के कमांडो तैनात रहेंगे।
बताते चलें कि असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गुरुवार शाम करीब पांच बचे पिलखुवा के एनएच-9 स्थित छिजारसी टोल प्लाजा पर दो हमलावरों ने चार राउंड फायरिंग की थी। इसमें से दो गोलियां उनकी कार में लगी थीं। वारदात के बाद ओवैसी दूसरी कार में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
वह मेरठ में एक रैली कर निकले थे। घटना के बाद उन्होंने कहा था कि यह सोची-समझी साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने पांच टीमें आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए लगा दी थीं। इसमें से एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दूसरे ने खुद ही थाने में जाकर समर्पण कर दिया था।
यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विस्तृत पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज से इस घटना में दो लोगों के शामिल होने का पता चला। दोनों व्यक्तियों को पुलिस ने कुछ घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया। एडीजी ने बताया कि घटना में इस्तेमाल हथियार और एक कार बरामद की गई है।
पुलिस ने आरोपियों के नाम सचिन और शुभम बताए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे ओवैसी के नफरत भरे भाषणों से नाराज थे। ओवैशी हमेशा राजनीतिक मंच से नफरत भरे भाषण देते हैं जिसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। उनकी इन्ही भाषणों को लेकर दोनों युवाओं में नाराजगी थी जो हमले का कारण बना।
सचिन ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसकी शुभम से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। इसके बाद फोन पर बातें होने लगीं। फोन पर ही ओवैशी पर हमले की साजिश रची गई। हमले के लिए दोस्तों से पिस्तौल ली थी। हमले से पहले दोनों मिले और कार से टोल प्लाजा पर पहुंचे और उसके बाद हमला किया।