नई दिल्ली। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कई लोग टर्म इंश्योरेंस की ओर रुख करते हैं, लेकिन अब टर्म इंश्योरेंस लेने के नियमों में बदलाव किए गए हैं। दरअसल, अब टर्म इंश्योरेंस लेना इतना आसान नहीं है। नए नियमों में इसके लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं। देश में मौजूद टॉप प्राइवेट कंपनियां अगर आपकी कमाई 5 लाख रुपये से कम है या आप ग्रेजुएट नहीं हैं तो आपको टर्म इंश्योरेंस नहीं देंगी।
वहीं आईआरडीएआई ने कम कमाई वाले लोगों के लिए भी स्टैंडर्ड टर्म इंश्योरेंस का ऐलान किया है लेकिन प्रीमियम सामान्य पॉलिसी से लगभग तीन गुना है, या फिर ये कम अवधि के लिए ऑफर की जाती है। इसका एक कारण कोविड के दौरान क्लेम्स का बढ़ना भी है। जिसके बाद कंपनियों ने शर्तों में सख्ती को और भी बढ़ा दिया है। तो आइए जानते हैं कि आखिर अब कंपनियों ने कौन कौन सी नई शर्तें लगाई हैं।
ये हैं नई शर्तें
नए नियमों के मुताबिक अब सामान्य टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने के लिए आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है।
अगर आपकी एजुकेशन योग्यता ग्रेजुएट नहीं है तो आपकी कमाई कम से कम 10 लाख तक होना जरूरी है।
अब कंपनियों के पास ही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में प्रीमियम व अन्य शर्तें तय करने का अधिकार होगा।
इसके साथ ही रीइंश्योरेंस कंपनियों ने भी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए सख्ती और बढ़ा दी है।
क्लेम पैटर्न के बदलने के बाद से रीइंश्योरेंस का प्रीमियम व सख्ती बढ़ा दी गई है।
दुनियाभर अलग अलग देशों की तुलना में भारत में टर्म प्लान की दरें बेहद कम रही हैं।
अब कम आय वाले लोगों के लिए आईआरडीएआई की सरल जीवन बीमा स्टैंडर्ड टर्म इंश्योरेंस है।
वहीं सरल जीवन बीमा का प्रीमियम सामान्य बीमा से करीब तीन से चार गुना ज्यादा है।
कम उम्र में टर्म इंश्योरेंस लेना फायदेमंद
टर्म इंश्योरेंस के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि टर्म इंश्योरेंस जल्दी खरीदने में समझदारी है। जितनी कम उम्र में आप इंश्योरेंस खरीदेंगे उतने ही सस्ते प्रीमियम पर इसको लॉक कर पाएंगें। दरअसल, कम उम्र वालों का प्रीमियम भी कम होता है, और एकबार जो प्रीमियम दे दिया वो हमेशा फिक्स रहेगा। यही कारण है कि टर्म इंश्योरेंस जितनी जल्दी खरीदा जाए उतना ही फायदा रहेगा।
(TNS)