बिलासपुर। मोबाइल पर कॉल कर ओटीपी पूछ ठगी के मामलों में आम लोगों को जागरूक करने वाली पुलिस ही ठगी का शिकार होने लगी है। ताजा मामले में बिलासपुर पुलिस का एक कॉन्स्टेबल ऐसे ही झांसे में फंस कर अपने 4 लाख रुपए गवां बैठा। कॉन्स्टेबल को ठग ने ऐसे झांसे में लिया कि उसने अपना और अपनी मां दोनों के खाता नंबर उसके साथ शेयर कर लिया। यही नहीं उसने ओटीपी भी उसके साथ साझा कर लिया। इसके बाद ठग ने अपना काम कर दिया। इस मामले आरक्षक ने सिविल थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज का मामले की जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन बिलासपुर निवासी हरीश कौशिक सिविल लाइन थाने में आरक्षक के पद पर कार्यरत है। 29 दिसंबर को उसके मोबाइल पर अनजान कॉल आया। शख्स ने अपने आप को फोन पे का कर्मचारी बताया और उसने लकी ड्रॉ में 4000 इनाम मिलने का झांसा दिया। आरक्षक 4000 के झांसे में आ गया। इसके बाद अनजान शख्स ने मोबाइल फोन पर एक ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा। इस लिंक के जिरए एक एप डाउनलोड़ हुआ। इसके बाद अनजान शख्स जैसा बताता गया वैसा आरक्षक करने लगा। इसके बाद अनजान कॉलर ने उससे ओटीपी पूछ ली। इस दौरान आरक्षक ने रुपए के लालच में अपनी और अपनी मां के खाते का पूरा विवरण उसे बता दिया।
तीन बार में खाते से निकाले 4 लाख रुपए
इसके बाद 9 जनवरी को आरक्षक के खाते से 20000 ट्रांसफर हुए। इसके तीन दिन बाद 12 जनवरी को उसकी मां के खाते से 50000 और निकाल लिए गए। इसके बाद आरक्षक को ठगी का पता चला और उसने बैंक जाकर ऐसे ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने आवेदन दिया और थाने में शिकायत दर्ज कराई। यह सब होने के बाद भी ठग ने 3 लाख 34 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। इस मामले में आरक्षक ने बैंक पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। आरक्षक का कहना है कि ट्रांजेक्शन रोकने का आवेदन देने के बाद भी रुपए कैसे ट्रांसफर हुए। इस मामले में फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वहीं बैंक की संलीप्तता की भी जांच की जा रही है।