रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि महंगाई की मार से त्रस्त छत्तीसगढ़ की आम जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल, डीजल और कुकिंग गैस आदि पेट्रोलियम पदार्थों में लागू राज्य के हिस्से से एक्साइज टैक्स थोड़ा कम करना चाहिए। इससे आम लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूप से लाभ होगा। पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ने की वजह से खाने-पीने की वस्तुओं के दाम भी बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही राज्य के पेंशनरों को केंद्र के समान 31 फीसद महंगाई राहत देकर महंगाई की मार से बचाने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव और फेडरेशन से संबद्ध छत्तीसगढ़ पेंशनधारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. डीपी मनहर, पेन्शनर एसोशिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आरपी शर्मा एवं भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के दामों हो रही लगातार वृद्धि आम लोगों की कमर तोड़ रही है। से सभी जरूरी खाद्य पदार्थों के मूल्यों में बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार है।
जिससे सबसे ज्यादा गरीब और मध्यम वर्ग को जीवनयापन में कठिनाइ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर अपने हिस्से का टैक्स कम करने के बजाय उसे लगातार बरकरार रखकर राज्य सरकार द्वारा जनता पर बोझ लादकर महंगाई बढ़ाने में भरपूर सहयोग किया जा रहा है। सेस टैक्स और एक्साइज टैक्स को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की आपसी खींचतान से प्रदेश की जनता परेशान है क्योंकि प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार स्वयं बार-बार प्रधानमंत्री से सेस टेक्स कम करने की मांग कर रही है।
मगर, राज्य सरकार द्वारा लगाए गए एक्साइज टैक्स को हटाने घटाने में आनाकानी कर रही है। यदि राज्य सरकार सचमुच में जनहितकारी सरकार है, तो उन्हें तुरन्त पेट्रोलियम उत्पादों से अपने हिस्से के टैक्स को पूरी तरह हटाने का काम करना चाहिए या घटाने का काम तो किया ही जा सकता है। मगर, पिछले कुछ माह से राज्य सरकार से जुड़े लोग केंद्र सरकार के खिलाफ तरह-तरह आंदोलन की कवायद कर रहे हैं और महंगाई को लेकर कोरी बयानबाजी कर केवल दिखावा कर रहे हैं। जनता सब जानती है और समय आने मोदी और भूपेश सरकार से हिसाब चुकता करने से पीछे नहीं हटेगी।