रायपुर (Raipur)। झीरम घाटी (Jhiram Valley) मामले में न्यायिक जांच आयोग के राज्यपाल (Governor) को रिपोर्ट (Report) सौंपे जाने पर कांग्रेस (Congress) ने सवाल उठाया है। इस पर भाजपा (BJP) ने भी पलटवार करते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस में इतनी बौखलाहट क्यों है। नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के सवाल उठाए जाने पर कहा कि प्रतिवेदन के विषय बदलने वाले नहीं है। कांग्रेस को जिस बात पर आपत्ति है, उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। प्रतिवेदन भी सार्वजनिक (Public) होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच से बड़ी जांच हो नहीं सकती। उस पर ऊंगली उठाने का मतलब अविश्वास जाहिर करना है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में यूपीए थी, तब एनआईए जांच की घोषणा की गई थी, उस पर भी कांग्रेस को विश्वास नहीं है।
..ये कहते रहे हैं सीएम और कांग्रेस नेता
कौशिक ने कहा कि जांच प्रतिवेदन भी सार्वजनिक किए जाने की जरूरत है। जांच में सारी बातें आ गई हैं। राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं। उन्हें ज्ञापन सौंपने से किसी तरह की आपत्ति दर्ज ही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दूसरे नेता विधानसभा में लगातार यह सवाल उठाते रहे हैं। जब जेब में सबूत था, तो यह उपयुक्त अवसर है कि जांच आयोग के समक्ष उसे प्रस्तुत करनी चाहिए। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
कांग्रेस की बौखलाहट से आश्चर्यः विष्णुदेव
वहीं इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि झीरम घाटी न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस की बौखलाहट से आश्चर्य है। जब कांग्रेस विपक्ष में थी, तब कहती थी कि जेब में सबूत है, लेकिन सबूत नहीं दे पाए। अपने ही लोगों को न्याय दिलाने कुछ नहीं कर पाए। अब रिपोर्ट आ गई है, तो कांग्रेस की दिक्कत समझ के बाहर है। हम चाहते हैं कि न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक हो, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
(TNS)