नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में डेढ़ साल से तनाव के बीच चीनी सेना (Chinese Army) की अब अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से सटी सरहद के भीतरी हिस्सों में सैन्य ड्रिल और तैनाती को लेकर भारत सतर्क है। भारतीय सेना ( Indian Army) ने सुरक्षा संबंधी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर ली है। पूर्वी कमान के कमांडर ले. जनरल मनोज पांडे (Commander Lt. General Manoj Pandey) ने बताया- चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सालाना प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी इस बार गतिविधियां बढ़ी हैं, उसके सैनिकों को सीमावर्ती भीतरी इलाकों में तैनात किया जा रहा है।
सैन्य तैनाती भी बढ़ाई जा रही है। चीन द्वारा पूर्वाेत्तर भारत में भूटान के साथ कूटनीतिक रिश्ते बनाने की कोशिशों से भी भारत में चिंता है। चीन-भूटान में दशकों पुराने सीमा विवाद पर हुए समझौते पर सीधे कुछ न कहते हुए ले. जनरल ने उम्मीद जताई कि यह समझौता सरकारी अधिकारियों की नजर में होगा। ले. जनरल पांडे ने कहा कि सीमा के करीब चीन नए-नए गांव बसा रहा है।
ये है हमारी पुख्ता है तैयारी
– भारतीय सेना को नई कॉम्बैट फॉर्मेशन इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीसी) की सैद्धांतिक सहमति। इसमें इंफेंट्री, आर्टिलरी, वायु रक्षा, टैंक व लॉजिस्टिक्स यूनिट्स शामिल।
– एलएसी व सीमा के भीतरी क्षेत्रों में भारत ने निगरानी बढ़ाई। सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग।
– सभी सेक्टरों में सुरक्षा संबंधी आपात चुनौतियों के मद्देनजर सैन्य तैनाती। आपात योजना का अभ्यास भी जारी।
– आधुनिक उपकरणों का इस्तेमालः एलएसी पर दिन-रात निगरानी के लिए मानव रहित विमानों की तैनाती।
– सेना की एविएशन विंग ने भी हल्के एडवांस हेलिकॉप्टर रुद्र की एकीकृत हथियार प्रणाली तैनात की है। सरकार तवांग को भी तेजी से रेल नेटवर्क से जोड़ रही है।
– वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इस समय 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।
(TNS)