मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय जायसवाल के बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पत्नी ने खुद स्वीकार किया है कि पिछले 10 साल से उसने किसी भी तरह की पूजा नहीं की है और इसके बजाए वह चर्च में प्रार्थना के लिए जाती है। यह मामला अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों के बीच विवाह का नहीं है। पत्नी ने अपने पति के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया और अपमानित किया। Read More