RAIGARH. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का 1 से 3 जून तक आयोजन होने जा रहा है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर वर्ग अपनी भागीदारी के लिए पहल कर रहा है। इसी क्रम में मुस्लिम समुदाय इस महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शर्बत-ए-मोहब्बत रखेगा। रायगढ़ के शेख सलीम नियारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से रायगढ़ के रामलीला मैदान में भव्य रामायण महोत्सव के आयोजन में मुस्लिम समाज प्रदेश और जिले से आने वाले आगंतुकों का स्वागत शर्बत-ए-मोहब्बत से करेगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए फक्र की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के लिए कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ को चुना है। यह रायगढ़ की तहजीब है, जहां सब मिलकर रहते हैं। सुखदुख में साझीदारी करते हैं। इन सुंदर सरोकारों ने ही रायगढ़ को संस्कारधानी बनाया है। 3 दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में श्रीराम के चरित स्मरण से संस्कारधानी की यह परंपरा और मजबूत होकर उभरने वाली है।
दरअसल, राम कथा की यह विशेषता है कि इस कथा के श्रवण से श्रीराम के आदर्श हमारे मन के भीतर घुलने लगते हैं। उनके सामूहिक नेतृत्व का चरित्र और सबको साथ में लेकर सबकी प्रतिभा को निखारकर मानव जाति में सत्य के मूल्यों की स्थापना का उनका संकल्प जब विजयी होता है तब आम आदमी भी स्वयं की सात्विक शक्ति को महसूस करता है। बता दें कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा यही है। हम अपनी श्रेष्ठ परंपराओं को गहराई से जाने। श्रीराम के उदार, उदात्त चरित्र को बारीकी से समझें। जब राम को गहराई से जानेंगे तभी तो हम सुराज के सपनों को साकार करने बढ़ सकेंगे। यह ऊर्जा संचार का महोत्सव है। श्रीराम के उत्तम जीवन चरित को अपने जीवन में उतारें और शुभ संकल्पों से राष्ट्र को मजबूत बनाएं।
आयोजन को सफल बनाने दिन-रात मेहनत
रायगढ़ जिस तरह उत्साह से दमक रहा है और सभी समुदायों के लोग प्रशासन के साथ इस भव्य आयोजन को सफल करने रात दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इससे साफ है कि रामायण महोत्सव अपने शुभ संकल्पों को पूरा करने में सफल होगा और सबकी साझेदारी से श्री राम के बहुआयामी चरित्र की बारीकियों की हमारी समझ कुछ और बेहतर होगी।