KATHMANDU. नेपाल की राजनीति में जारी अस्थिरता पर 20 मार्च को लगाम लग सकती है. प्रधानमंत्री पुष्प दहल कमल ‘प्रचंड’ फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करेंगे. नेपाल के पार्लियामेंट सचिवालय ने इस बात की जानकारी दी है. नेपाल के सचिवालय के प्रवक्ता एक राम गिरी ने बताया कि 20 मार्च को फ्लोर टेस्ट के लिए दिन तय हो चुका है. इसी दिन सरकार की स्थिरता का पता चल जाएगा.
पुष्प दहल प्रचंड की सरकार के लिए तीन महीने में ये दूसरा मौका है, जब वो फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी, क्योंकि अब उनकी सरकार से सीपीएन-यूएमएल ने 27 फरवरी को अपना समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद अब इस फ्लोर टेस्ट की नौबत आई है. प्रचंड की सरकार में शामिल रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी उससे समर्थन वापस ले लिया है. नेपाल के संविधान के आर्टिकल 100 के क्लॉज 2 के मुताबिक, अगर सरकार से कोई भी दल समर्थन वापस लेता है, तो सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ता है.
इस नियम के मुताबिक, एक महीने के अंदर ही किसी दल के समर्थन वापस लेने की सूरत में फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ता है. ऐसे में प्रचंड के पास 26 मार्च तक का समय है. दरअसल, प्रचंड की सरकार को राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है. बता दें कि 10 जनवरी को पिछले फ्लोर टेस्ट में प्रचंड को 99 फीसदी सांसदों का समर्थन मिला था. उनके समर्थन में 268 सांसदों ने वोट दिया था.