RAIPUR. आरटीओ का दफ्तर यानी हर काम के लिए घंटों लाइन लगना. चाहे काम लाइसेंस बनवाने का हो या नाम ट्रांसफर समेत दूसरे काम. जिला मुख्यालयों में वहां तक जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं रहता. इन्हीं असुविधाओं से बचाने के लिए प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों के गली-मोहल्लों में परिवहन शुरू केंद्र शुरू किया गया है. अब इसमें एक और काम कराने की सुविधा शुरू कर दी गई है. जी हां, अब इन परिवहन सुविधा केंद्रों में सेंकंड हैंड गाड़ियों में नाम ट्रांसफर भी हो सकेगा. बस आरटीओ में जो चार्ज लगता उससे 100 रुपये ही ज्यादा देना होगा. लेकिन, लगभग घर बैठे ही ये काम आप चुटकियों में करा सकेंगे.
इस नई सुविधा एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि नाम ट्रांसफर के खेल में दलालों की सक्रियता कम हो जाएगी. वर्तमान में जानकारी की कमी के कारण अधिकांश लोग दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं और वे मोटी रकम ऐंठ लेते हैं. परिवहन अफसरों का कहना है इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. इस नई व्यवस्था के शुरू होने से लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. अभी जितना पैसा नाम ट्रांसफर में लग रहा है, उसमें 100 रुपये अतिरिक्त परिवहन सुविधा केंद्र को देने होंगे.
इस संबंध में परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने जानकारी दी है कि परिवहन विभाग द्वारा आधार ऑथेंटिकेशन नाम की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है. इसके बाद सेकंड हैंड गाड़ी की खरीदी-बिक्री करने वालों को भी परिवहन सुविधा केंद्र के माध्यम से घर के पास सुविधा मिल जाएगी. प्रदेश में हर साल दो लाख से ज्यादा सेकंड हैंड गाड़ियाें की खरीदी-बिक्री होती हैं, इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर करना किसी चुनौती से कम नहीं रहता. इसलिए इस सुविधा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इसलिए जरूरी है नाम ट्रांसफर
जब तक गाड़ी का मालिकाना हक वाहन खरीदने वाला अपने नाम ट्रांसफर नहीं करते, तब तक विधिक रूप से उस गाड़ी के मालिक नहीं कहे जाते हैं. इसी तरह गाड़ी बेची और उस गाड़ी से एक्सीडेंट या कोई अपराध हो गया तो आरसी बुक में दर्ज व्यक्ति के नाम से ही कार्रवाई होती है. यदि आप पुरानी कार या बाइक खरीद या बेच रहे हैं, तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करना जरूरी होता है. जिसके बाद गाड़ी ख़रीदने वाले के नाम से नया आरसी बुक बनता है. वर्तमान में इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है. फॉर्म भरने के बाद वाहन विक्रेता और क्रेता दोनों को ही आरटीओ ऑफिस जाना पड़ता है. गाड़ी को भी वेरिफिकेशन के लिए आरटीओ ऑफिस लेकर जाना होता है.
ऐसे सरल हो जाएगी प्रक्रिया
आपको बता दें कि पुरानी गाड़ी बेचने के बाद नाम ट्रांसफ़र कराने की प्रक्रिया को सरल करने परिवहन विभाग आधार ऑथेंटिकेशन शुरू कर रहा है. इससे व्यक्ति की पहचान एक क्लिक में हो जाएगी और लंबी चौड़ी प्रक्रिया नहीं रहेगी. इससे सिर्फ 100 रुपये ज्यादा देकर परिवहन सुविधा केंद्र में ही ये काम आसानी से हो सकेगा.
कुल इतनी लगेगी फीस
वर्तमान में नाम ट्रांसफर कराने के लिए अलग-अलग गाड़ियों का अलग-अलग चार्ज तय है. दोपहिया गाड़ियों का 400 रुपये तो लाइट मोटर व्हीकल का 550 रुपये और थ्री व्हीलर का 750 रुपये लगता है. जबकि दलाल इससे ज्यादा वसूल लेते हैं. अब इनमें सौ-सौ रुपये अतिरिक्त जोड़ लें और परिवहन सुविधा केंद्र जाकर सीमित समय में अपना काम अपने ही गली-मोहल्ले से करा लें.