NEW DELHI. दिल्ली के छतरपुर में श्रद्धा वाकर हत्याकांड की नृशंस हत्या की जांच में दिल्ली पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट भी कराया जा रहा है। इसके बावजूद दिल्ली उच्च न्यायालय में यह केस केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग करने वाले एक वकील ने याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया गया है। इस बीच बुलंदशहर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राशिद खान नाम का शख्स बोल रहा है कि मैं श्रद्धा के 37 टुकड़े कर डालता। इस शख्स के बयान से लोगों में रोष है।
दिल्ली पुलिस की जांच पर शक क्यों करें
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच पर शव क्यों रखा जाए? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एक आरोप भी लगाया और अधिवक्ता जोशीनी तुली की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने का एक भी कारण नहीं है। साथ ही याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी ठोंक दिया है।
दिल्ली पुलिस पर संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप
बता दें कि अधिवक्ता ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मीडिया को लीक कर रही है। जबकि कानून में इसकी इजाजत नहीं है। याचिका में अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने आज तक घटना स्थल को सील नहीं किया है, जहां रोजाना आम लोग और मीडियाकर्मी लगातार पहुंच रहे हैं।
आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर दिए
उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि जनता की मौजूदगी में सबूतों की जब्ती और मीडिया की मौजूदगी में अदालत की सुनवाई जांच में हस्तक्षेप के समान है। आफताब अमीन पूनावाला पर दिल्ली में हत्या करने और फिर शरीर के अंगों को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगाने का आरोप लगाया गया है।
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