KHANDWA NEWS. मध्य प्रदेश के खंडवा में सिहाड़ा गांव की जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड के दावे पर विवाद बढ़ गया है। वक्फ बोर्ड ने पूरे सिहाड़ा गांव की जमीन को अपनी संपत्ति बताकर ट्रिब्यूनल में दावा दायर किया था। इस मामले में सिहाड़ा ग्राम पंचायत मंगलवार को मध्य प्रदेश स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल, भोपाल में जवाब पेश करेगी। गांव के सरपंच सहित कुछ लोग इसके लिए भोपाल पहुंच चुके हैं।
विवाद की शुरूआत
मामला तब सामने आया जब ग्राम पंचायत ने सिहाड़ा के दारगाह क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण और बिना अनुमति की तारफेंसिंग को लेकर दारगाह कमेटी को नोटिस भेजा था। नोटिस का जवाब न मिलने पर कमेटी ने वक्फ बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई, जिससे वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव की जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया।

पंचायत ने दावे को बताया झूठा
पंचायत की ओर से तैयार जवाब में अधिवक्ता महेंद्र तिवारी ने स्पष्ट किया है कि गांव की जमीन राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार शासकीय भूमि है, न कि वक्फ संपत्ति। विवादित खसरा नंबर 781, लगभग 14.05 हेक्टेयर भूमि का राजस्व अभिलेखों में मध्य प्रदेश शासन और ग्राम आबादी के नाम दर्ज है।

सार्वजनिक उपयोग के लिए सुविधाएं बनीं जमीन पर
यह जमीन ग्राम पंचायत भवन, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, नल जल योजना तथा आवासीय मकानों के लिए इस्तेमाल हो रही है। जो गांव के लोगों के लिए सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करती हैं।

स्थानीय प्रशासन और ट्रिब्यूनल प्रक्रिया
मध्य प्रदेश के कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को भी इस मामले में नोटिस जारी किया गया है। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि सरपंच हेमंत चौहान भोपाल पहुंच चुके हैं और वकील की मदद से ट्रिब्यूनल में अपने पक्ष का सप्रमाण जवाब देंगे।

अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं
पंचायत ने बताया है कि वक्फ बोर्ड से जुड़े कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण और बिना अनुमति के निर्माण किए जा रहे हैं, जिन्हें तुरंत हटाने की आवश्यकता है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी अवैध निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।




































