BHOPAL/ INDORE NEWS. मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ी पहल शुरू हो रही है। छह नवंबर यानी आज से पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर पुलिस हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों के चालान काटेगी। इसके साथ ही पीछे बैठने वाली सवारी को भी हेलमेट पहनना जरूरी होगा।
सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग छह से सात हजार दोपहिया वाहन चालकों और सवारी की मौत होने का आंकड़ा बढ़ा है। आए दिन होने वाले हादसों का बड़ा कारण हेलमेट का कम या न लगाना है। प्रदेश में करीब 80 प्रतिशत वाहन चालक अभी भी हेलमेट पहनने से कतराते हैं, जिससे सुरक्षा खतरे में पड़ती है। अब पुलिस इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर रही है। अभियान लगातार चलता रहेगा और बिना हेलमेट पाए जाने पर चालान भरना अनिवार्य होगा।

इन पांच शहरों में होगी सख्ती
प्रदेश में चलाए जा रहे हेलमेट अभियान के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जिलों में सबसे अधिक सख्ती बरती जाएगी। इन पांच जिलों में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या सबसे अधिक है। इसलिए पुलिस इन जगहों पर विशेष तौर पर कार्रवाई करेगी। बताते चलें कि साल 2024 में प्रदेश भर में 14,791 लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई।
इन शहरों में हुई हैं इतनी मौतें
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली इन मौतों में से इंदौर शहर में 2425, ग्रामीण इलाकों में 290, भोपाल शहर में 945 तथा ग्रामीण इलाकों में 235, उज्जैन में 1536, जबलपुर में 2035 और ग्वालियर में 1049 लोगों की मौत शामिल है। यानी ये पांच जिले कुल मौतों के 58 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं।

पीछे बैठने वाले को लगाना होगा हेलमेट
DIG, पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (PTRI) के टीके विद्यार्थी ने बताया कि अभियान में हेलमेट न पहनने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीछे बैठी सवारी को भी हेलमेट पहनने का कड़ाई से निर्देश दिया जाएगा। पुलिस हर दिन की कार्रवाई का रिकॉर्ड रखेगी और इसकी नियमित समीक्षा भी करेगी। अभियान निरंतर जारी रहेगा ताकि सड़क सुरक्षा में सुधार हो सके और दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

नियम नहीं, संस्कार बनाएंगे हेलमेट पहनना
पुलिस अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बताया कि यह नियम हर जगह सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि हादसों में कमी आए और लोगों की जान सुरक्षित रहे। आम जनता को भी हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक किया जाएगा। सरकार और पुलिस का लक्ष्य है कि हेलमेट पहनने को नियम नहीं बल्कि संस्कार बनाया जाए, जिससे दुर्घटनाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को रोका जा सके।

…ताकि सड़क हादसे में नहीं जाए जान
यह अभियान छह नवंबर गुरुवार से पूरी गंभीरता से शुरू होगा और जनता से उम्मीद की जा रही है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें। अपनी तथा अपने साथ यात्रा करने वालों की जान की रक्षा करें। यह अभियान प्रदेश सरकार एवं पुलिस प्रशासन की रोड सुरक्षा को बढ़ावा देने की गंभीर पहल का हिस्सा है। यह कदम जानलेवा हादसों को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा और सड़क हादसों में मृतकों की संख्या घटाने में सहायक होगा।




































