DEORIA NEWS. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 13 से 15 अक्टूबर के बीच तीन अलग-अलग स्थानों पर हत्या की वारदातें हुई हैं। इन घटनाओं ने जिले में सनसनी फैला दी है। लार, भटनी और भाटपाररानी थाना क्षेत्रों में हुई इन हत्याओं के बाद आम लोग दहशत में हैं। वहीं अपराधियों के बेखौफ होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि सभी मामलों की जांच के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। लार में हुई हत्या का खुलासा हो चुका है, जबकि बाकी दो मामलों की पड़ताल जारी है। जल्द ही उन दोनों घटनाओं का भी खुलासा कर दिया जाएगा और आरोपियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन का कहना है कि सभी घटनाओं का खुलासा जल्द किया जाएगा। फिलहाल एसओजी और पुलिस की टीमें लगातार जांच में जुटी हैं। लगातार हो रही हत्याओं ने जनपद में भय का माहौल बना दिया है, वहीं त्योहार से पहले बढ़ते अपराधों से आमजन बेचैन हैं।

पहला मामला – 13 अक्टूबर, लार थाना क्षेत्र
लार थाना के हरि कुंडावल गांव में 19 वर्षीय साल की मनीषा की हत्या कर दी गई। उसे रात में घर से बुलाया गया और घर के पास ही गली में ले जाकर उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई। सुबह जब ग्रामीणों ने शव देखा, तो हड़कंप मच गया। इंटर की छात्रा मनीषा की हत्या के आरोपी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

दूसरा मामला – 14 अक्टूबर, बनकटा थाना क्षेत्र
कोठिलवा गांव के रहने वाले 20 साल के मन्नू यादव को घर से बुलाकर बेरहमी से मार डाला गया। उसका शव बरईपार बाबू गांव के पास मिला। मौके से शराब की बोतलें और चप्पलें बरामद हुईं। गुस्साए ग्रामीणों ने सलेमपुर-मैरवा मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन आरोपी अब तक फरार हैं।
तीसरा मामला – 14 अक्टूबर, भटनी थाना क्षेत्र
धर्मखोर दुबे गांव की 20 साल की गुड़िया खातून का शव मोतीपुर टिकैत गांव के खेत में मिला। उसके गले पर दबाव के निशान पाए गए, जिससे गला घोंटकर हत्या की आशंका जताई जा रही है। गुड़िया रात में घर से गायब हुई थी और सुबह ग्रामीणों ने उसका शव देखा। पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मदद से जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मेडिकल कॉलेज वाला केस भी अब तक अनसुलझा
देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में छह अक्टूबर को मुंबई के केमिकल इंजीनियर अशोक गावंडे की हत्या कर शव अस्पताल की पानी टंकी में फेंक दिया गया था। इस मामले में भी पुलिस अब तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस इस मामले को पूरी तरह से सुनियोजित तरीके से की गई हत्या मान कर चल रही है।

जांच में यह बात भी सामने आई है कि घटना में चार से पांच लोगों की संलिप्तता रही है। पुलिस का मानना है कि बिना चार से पांच लोगों की मदद के हत्या के बाद शव हो उतनी ऊंची पानी की टंकी में नहीं डाला जा सकता। इस मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी और साले का बयान भी दर्ज किया है। मगर, अभी तक घटना के बारे में कोई खास सुराग पुलिस को नहीं मिल पाया है। मेडिकल कॉलेज के जिस सर्जिकल वार्ड में अशोक भर्ती थे, वहां तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की गतिविधियों को भी पुलिस वॉच कर रही है।


































