MUNGELI NEWS. अचानकमार टाइगर रिज़र्व की प्रतिभाशाली युवा कलाकार रागिनी धुरवे ने अपनी उत्कृष्ट गोंड चित्रकला से राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और जिले का मान बढ़ाया है। भारत सरकार की नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी (NTCA), नई दिल्ली द्वारा आयोजित “Silent Conservation – From Margin to Center” राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में रागिनी की कलाकृति का चयन किया गया।
नई दिल्ली में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रदर्शनी में देशभर से चयनित लगभग 50 कलाकारों की कृतियाँ प्रदर्शित की गईं। रागिनी धुरवे की गोंड कला कृति को भारत के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को सम्मानित करने हेतु प्रस्तुत किया गया। उनकी कलाकृति में अचानकमार के प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवों और जनजातीय जीवन की सांस्कृतिक झलक को अत्यंत मनमोहक ढंग से उकेरा गया है।
कला, संस्कृति और परंपरा का संगम
अचानकमार टाइगर रिज़र्व न केवल अपनी जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह क्षेत्र जनजातीय कला, संस्कृति और परंपरा का समृद्ध केंद्र भी रहा है।
रागिनी की यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि इस भूमि की युवा पीढ़ी अपने सृजन, परंपरा और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही है।
स्थानीय प्रतिभा को मिली राष्ट्रीय पहचान
रागिनी की सफलता से न केवल अचानकमार क्षेत्र, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ गर्व महसूस कर रहा है।
यह उपलब्धि राज्य की आदिवासी कला और लोक परंपरा को नई दिशा देने वाली है।
गोंड कला के माध्यम से रागिनी ने यह सशक्त संदेश दिया है कि प्रकृति और जंगलों के बीच भी सृजन की गूंज उतनी ही जीवंत है, जितनी किसी महानगर में।
रागिनी धुरवे की इस सफलता पर जिले के जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागरिकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। उनकी यह उपलब्धि निश्चित रूप से क्षेत्र के अन्य युवाओं को कला और संस्कृति के क्षेत्र में नई दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।