RAIPUR NEWS. रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अस्पताल के गायनी वार्ड और नर्सरी वार्ड के बीच नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया गया था, जिस पर लिखा था बच्चे की मां एचआईवी पॉजिटिव है।
यह पोस्टर देखकर शिशु के पिता भावुक होकर रो पड़े। घटना की तस्वीरें और रिपोर्ट सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में सख्त नाराजगी जताई है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा यह न केवल अमानवीय है, बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन भी है। इस तरह का व्यवहार निंदनीय और असंवेदनशील है।
अदालत ने कहा कि इस कृत्य से न केवल मां और बच्चे की पहचान उजागर हुई, बल्कि उन्हें समाज में कलंक और भेदभाव का सामना भी करना पड़ सकता है।
हाईकोर्ट ने इस गंभीर मामले में राज्य के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र (अफिडेविट) तलब किया है, जिसमें उन्हें बताना होगा कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
अदालत ने इस मामले को “मानव गरिमा और निजता के अधिकार पर सीधा प्रहार” बताया और कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को संवेदनशीलता और गोपनीयता का पालन करना चाहिए।
अगली सुनवाई 15 अक्टूबर 2025 को होगी।
इस बीच, राज्य सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस घटना में जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करेगी, ताकि आने वाले समय में किसी भी मरीज को इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना न करना पड़े।