RAIPUR NEWS.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार दोपहर पूर्व आईएएस अफसर आलोक शुक्ला तीसरी बार सरेंडर करने की विशेष रायपुर कोर्ट पहुंचे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसरों की मौजूदगी में कोर्ट में अभी सरेंडर करने की प्रक्रिया चल रही है। सुरक्षा के मद्देनजर CRPF जवान भी तैनात किए गए हैं। तीन दिन पहले 19 सितंबर को भी IAS आलोक शुक्ला कोर्ट सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन ED के वकील केस डायरी लेकर नहीं पहुंचे तो उन्होंने कोर्ट से समय मांगा था।
रिटायर्ड आईएएस अफसर आलोक शुक्ला 18 सितंबर को भी कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने सरेंडर कराने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उस समय तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला अपलोड नहीं हुआ था। दरअसल, नान घोटाला मामले में आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन ED ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ED ने कोर्ट में बताया था कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। ईडी के वकील ने कहा कि हमारी जांच अभी पूरी नहीं हुई है। सरेंडर के बाद ईडी आलोक शुक्ला को कस्टोडियन रिमांड पर ले सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कस्टडी के लिए आदेश जारी किया। कोर्ट के आदेश के अनुसार आलोक शुक्ला को पहले 2 हफ्ते ईडी की हिरासत और उसके बाद 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकती है। कोर्ट के आदेश के बाद आलोक शुक्ला सरेंडर करने पहुंचे हैं।
जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने ईडी और ईओडब्ल्यू को जांच पूरी करने के लिए 2 महीने की मोहलत दी है। बता दें कि नान घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब ACB-EOW ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने वाली नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के 25 परिसरों पर एक साथ छापे मारे थे। इस दौरान कुल 3.64 करोड़ रुपये नकद भी जब्त किए गए थे।