CALIFORNIA NEWS. ओपनएआई अपने चैटबॉट चैटजीपीटी के लिए नए पैरेंटल कंट्रोल और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट फीचर्स लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी चैटबॉट में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन फीचर्स भी लाएगी। कंपनी ने यह फैसला टीएनजर के सुसाइड करने के बाद उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होने के बाद लिया है। आत्महत्या का ये केस अमेरिका के कैलिफोर्निया का है। टीएनजर के माता-पिता मैथ्यू और मारिया राइन ने 26 अगस्त को सैन फ्रांसिस्को की स्टेट कोर्ट में ओपन एआई और इसके संस्थापक सैम ऑल्टमैन पर यह मुकदमा दायर किया है।
OpenAI का कहना है कि चैटजीपीटी में पहले से कुछ सेफ्टी फीचर्स हैं, जो खतरे में पड़ने वाले लोगों को सुसाइड रोकने की हेल्पलाइन की ओर भेजते हैं, लेकिन लंबी बातचीत में ये फीचर्स थोड़े कमजोर पड़ जाते हैं। वह मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए आगे आएगी। ChatGPT में वन क्लिक इमरजेंसी सर्विस शुरू की जाएगी, जिससे लोग आसानी से मदद मांग सकें।
कंपनी ऐसे थेरेपिस्ट से कनेक्ट करेगी जो लाइसेंस प्राप्त हैं। किशोर बच्चों के लिए पैरेंटल कंट्रोल लागू किए जाएंगे, जिससे माता-पिता अपने बच्चों के चैटबॉट के इस्तेमाल पर नजर रख सकें और उसे कुछ हद तक कंट्रोल कर सकें। बच्चों के माता-पिता के लिए इमरजेंसी नंबर भी दिया जा सकता है, जिसका इस्तेमाल संकट के टाइम पर हो सकेगा।
OpenAI ने एक बयान में कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हमारे डिवाइसेस लोगों के लिए यूजफुल हों। इसके लिए हम अपने मॉडल्स को मेंटल और इमोशनल प्रेशर को पहचानने के लिए ट्रेन कर रहे हैं। इसमें लोगों की देखभाल करने जैसा सुधार भी जोड़ा जाएगा। कंपनी इस मसले पर 30 देशों के 90 से ज्यादा डॉक्टरों के साथ काम कर रही है। OpenAI ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता यही है कि ChatGPT किसी मुश्किल क्षण को और ज्यादा कठिन न बनाए।