DURG NEWS. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस वर्ष भी विभिन्न राज्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड सरकार ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से नवाजा, जिसमें छत्तीसगढ़ मूल की आईपीएस अधिकारी श्वेता चौबे का नाम भी शामिल है।
बता दें, श्वेता चौबे छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के रहने वाले और प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे स्व. आईपीएस विजय शंकर चौबे की बेटी हैं। विजय शंकर चौबे छत्तीसगढ़ पुलिस में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से दो बार सम्मानित हो चुके थे। श्वेता का बचपन छत्तीसगढ़ के दुर्ग सहित कई जिलों में बीता, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और बतौर डीएसपी सेवा शुरू की।
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समय के साथ उनकी कार्यकुशलता और निष्ठा ने उन्हें अलग पहचान दिलाई और विभागीय पदोन्नति के बाद उन्हें आईपीएस अवार्ड मिला। आज वे अपने काम के दम पर “उत्तराखंड की शेरनी” के नाम से जानी जाती हैं। महिला सुरक्षा को लेकर चलाए गए ऑपरेशन पिंक के लिए उन्हें स्कॉच अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। बीते वर्ष ही श्वेता चौबे को राष्ट्रपति पुरस्कार की घोषणा हुई थी, जो उन्हें 26 जनवरी 2025 को प्रदान किया गया। वहीं, इस स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक देकर सम्मानित किया है।
छत्तीसगढ़ की बेटी श्वेता चौबे ने न केवल उत्तराखंड में अपनी कार्यकुशलता से एक नई पहचान बनाई है बल्कि अपने प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। उनकी उपलब्धि से साबित होता है कि सच्ची लगन और सेवा भाव से किया गया कार्य सीमाओं से परे जाकर भी समाज और राष्ट्र को गौरवान्वित करता है।