संजीव कुमार सोनी
MEERUT NEWS. गिरफ्तार हुआ नईम के साथ अपराध में साथी रहा सलमान, अब नईम के एक एक राज उगल रहा है। सलमान नईम की तीसरी पत्नी के पहले पति का बेटा है। गौरतलब है कि नईम का मुठभेड़ के दौरान एनकाउंटर किया गया था। नईम पर उसके ही शौतेले भाई, भावी और तीन बेटीं, जिनमें एक साल की अबोध भी शामिल थी की बेरहमी से हत्या का आरोप था। घटना के बाद मेरठ पुलिस ने नईम को मुठभेड़ में मार गिराया था।
महज 52 साल के नईम ने अपराध की दुनियां में कदम रखते हुए हत्या और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। इस दौरान उसने पहचान और शहर बदलकर चार शादी कीं। साथ ही बिजनेस भी बदला, ताकि पुलिस उसे पहचान न सके और जरायम के पेशा कायम रहे। नईम का दिमाग इतना तेज था कि मुठभेड़ के दौरान उसने अपनी तीसरी पत्नी के बेटे सलमान को मौके से भगाया और खुद पुलिस से मोर्चा सम्भाला।
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शानशौकत की भूख ने बनाया अपराधी
शानशौकत से जीवन गुजारने की भूख ने नईम को जरायम की दुनिया में पहुँचा दिया। इस दौरान उसने न केवल बड़ी चोरियों को अंजाम दिया, बल्कि हत्या जैसे जघन्य अपराध करने से भी गुरेज नहीं की। 1999 में नईम में दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कालोनी साउथ में दो चोरी की वारदात को अंजाम दिया। जिसमें पुलिस द्वारा उसे जेल भेजा गया। जमानत पर आने के बाद दिल्ली नार्थ ईस्ट के खजूरी खास में दोहरे हत्याकाण्ड को अंजाम दिया। पुलिस से बचने के लिए वह मुम्बई के मुंब्रा पहुँच गया। यहाँ उसने पत्थर का कारोबार किया। नईम ने 2005 में फिर दिल्ली के सरिता विहार में घर की चोरी की घटना को अंजाम दिया। मुंबई के मुंब्रा में नईम ने 2006 में दोहरे हत्याकाण्ड को अंजाम दिया। इसके बाद वह नासिक के मालेगांव पहुँच गया और यहीं रह रहा था।
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चार निकाह व चार शहर
किठौर के शाहजहांपुर के रहने वाले नसीर उर्फ काना के सात बेटे और दो बेटियां हैं। नईम दूसरे नंबर का था। कक्षा पांचवीं पास नईम के पिता ने नईम का निकाह लिसाड़ीगेट की सन्नो से कर दिया। कुछ साल बाद ही नईम ने सन्नो को छोड़कर बुलंदशहर की जुबैदा से निकाह कर लिया। कमाई के इरादे से दिल्ली चला गया। वहां पर नईम में अपना गुड्डू रख लिया। यहाँ चोरी में जेल जाने के बाद जमानत ली और दिल्ली नार्थ ईस्ट के खजूरी खास में दोहरे हत्याकांड कर मुंबई के मुंब्रा पहुँच गया। यहाँ नईम ने पत्थर का कारोबार किया और फिर से नया नाम हुसैन उर्फ जमील रखा। यहाँ तीन बच्चों की माँ सलमा से शादी कर ली। 2006 में मुंब्रा में दोहरे हत्याकाण्ड के बाद नासिक के मालेगांव पहुँच गया। यहाँ नईम ने नूरी उर्फ नूरजहाँ से चौथी शादी कर ली। मालेगांव में नईम ने टाइल्स का काम शुरू किया।
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अपराध के धन से की थी परिवार की मदद
साल 2005 में दिल्ली के सरिता विहार में बड़ी चोरी को अंजाम दिया था। तब नईम ने अपने पूरे परिवार की चोरी की रकम से मदद की थी। परिवार के लोगों ने अपना कारोबार कर लिया था। यही वजह थी कि नईम के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी परिवार के लोग उसकी हिमायत में लिसाड़ीगेट थाने पर पहुँचकर हंगामा करने लगे थे।
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इसलिए की थी शौतेले भाई की हत्या
जब नईम मुंबई से नासिक के मालेगांव में शिफ्ट हो गया और टाइल्स के धंधे में नुकसान हो गया, तो नईम ने अपने भाई मोईन से उधार दी गई रकम की मांग की थी। उसके रकम देने से इन्कार करने पर विवाद हुआ। विवाद के दौरान नईम को माेईन ने धमकाया कि वह दिल्ली हत्याकाण्ड मामले में पुलिस को सबकुछ बता देगा। माेईन व परिवार की हत्या के बाद नईम व सलमान नासिक में ही छिपे थे। माेईन के बाद अगला निशाना परिवार के अन्य सदस्य थे। प्लानिंग और तैयारी के साथ शुक्रवार की रात दोनों अपने परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने पहुँचे थे, ताकि उनसे उधार की रकम ले सकें, लेकिन एक बार फिर खूनी खेल का अंजाम दें उससे पहले ही पुलिस से सामना हो गया और पुलिस ने नईम का काम तमाम कर दिया।
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