PRAYAGRAJ NEWS. संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सारी तैयारियां भी कर ली हैं। इस बार महाकुंभ में क़रीब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया गया है। कुंभ मेले में आने वाले बाबा यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। यहाँ एक से बढ़कर एक बाबा, योगी और हठयोगी आए हुए है। इनमे से ही एक है एंबेसडर बाबा जो इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए है।
महाकुंभ में 40 साल पुरानी एंबेसडर कार ऐसी है जिसके बारे में हर कोई जनना चाहता है। यह कार है एंबेसडर बाबा की जिसे उन्होंने अपना घर बना लिया है। एंबेसडर बाबा के नाम से मशहूर महंत राजगिरी मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से महाकुंभ में आए है। महाकुंभ में महंत राजगिरी ने अपनी कुटिया डाल रखी है, लेकिन उनकी भगवा रंग की एंबेसडर कार लोगों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई है। लोग उनको टार्जन बाबा या एंबेसडर बाबा के नाम से जानते हैं। बाबा जहां भी जाते हैं उनकी कार उनके साथ ही रहती है। आप इसे चलता फिरता आश्रम भी कह सकते है।
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महंत राजगिरी बताते है कि उन्होंने इस कार को ही अपना ठिकाना बना लिया है। यह कार उनको 35-40 साल पहले दान में मिली थी। तब से ही वो जहाँ भी जाते है यह कार उनके साथ ही जाती है। कार के साथ उनको आत्मिक शांति और संतोष मिलता है। इस कार से उन्होंने देश भर में कई स्थानों की यात्रा की है।
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बाबा ने इस एंबेसडर कार को अपने रहने के मुताबिक बना लिया है। बाबा ने जुगाड़ से इसे AC कार बना लिया है। इसके लिए उन्होंने कार के बाहर की तरफ एक पंखा फिट करके उसे अंदर पाइप से जोड़ दिया है। कार की दोनों हेडलाइट पर आंखें तो छत को मचान बना दिया है। इसे चलता फिरता पलंग कह सकते है।
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बाबा राजगिरी कहते हैं कि बचपन में ही उन्होंने घर छोड़ दिया। लेकिन 40 साल पुरानी एंबेसडर कार से मोह नहीं छोड़ पाय। यह कार उनके जीवन के साथ ही जाएगी।