RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा पर शिकंजा कस दिया है। आज इस मामले में ED ने कवासी लखमा, हरीश और OSD जयंत देवांगन पूछताछ के लिए बुलाया । इस पर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है ।
ED के तलब पर ED दफ्तर जाने के पहले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बात कर अपने आप को निर्दोष साबित करने की कोशिश की । ED दफ्तर की लिफ्ट में चढ़ते हुए उन्होंने राम-राम कह कर संबोधित भी किया । ईडी को लखमा के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं । इतना ही नहीं कवासी के ठिकानों पर हुई दबिश में आपत्तिजनक रिकॉर्ड भी बरामद हुए हैं । ईडी ने इसकी जानकारी भी सार्वजनिक की है । यही वजह है कि अब कवासी लखमा और उनके बेटे कवासी हरीश पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है।
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गिरफ्तारी की चर्चाओं के बीच कवासी लखमा ने खुद के पास सिर्फ 6 एकड़ जमीन होने की बात कही। टोरा और महुआ बिनने के दिनों की यादें भी ताजा की। उन्होंने कहा कि मैं गरीबों और आदिवासियों की आवाज उठाता हूं । विधानसभा में मैंने सरकार को घेरा इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है । कवासी इस मामले में जहां दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की बात कह रहे हैं । वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव शराब घोटाले को लेकर पिछली सरकार पर तीखा हमला बोल रहे हैं । उन्होंने लखमा पर नकली होलोग्राम से लेकर सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया ।
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पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने किया लखमा का बचाव
पूर्व मंत्री शिव डहरिया कवासी लखमा का बचाव करते और ईडी की कार्रवाई को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोलते नजर आए । उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव है। कवासी लखमा बस्तर के बड़े नेता हैं । उनके माध्यम से भाजपा एक बार फिर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है ।
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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उसे देखकर ऐसा लगता है आने वाले दिनों में पिछली सरकार के कुछ और खास लोगों पर बिजली गिर सकती है। बहरहाल नगरीय निकाय चुनाव के ठीक पहले ईडी के शिकंजे से कवासी की मुश्किलें तो बढ़ेंगी ही,सियासी सरगर्मियां भी तेज होंगी ।