RAJNANDGAON. मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन साहब अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं लेकिन उनकी कही बातें आज भी लोगों के जहन में है। जाकिर साहब का छत्तीसगढ़ से एक खास लगाव था। प्रदेश की अबो हवा के काफी मुरीद थे और खैरागढ़ को संगीत प्रेमियों का मायका कहा करते थे। यह सब बातें उन्होंने इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 2019 में हुए 15वें दीक्षांत समारोह में कहीं थी। मौके पर उन्हें डिलीट की मानक उपाधि से नवाजा गया था।
ये भी पढ़ेंःबीएड-डीएलएड में इस तारीख तक होगा एडमिशन, छत्तीसगढ़ अभी तक इतने सीटों का हुआ आबंटन
भगवान शिव की आराधना की दी थी प्रस्तुति
इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के तबला विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर हरि ओम बताते हैं कि दीक्षांत समारोह में तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया ऊकेके समक्ष जाकिर हुसैन ने भगवान शिव की आराधना की प्रस्तुति दी थी। तबले के माध्यम से उन्होंने बताया था कि भगवान शिव ने ब्रह्मांड के सभी देवी देवताओं के कहने पर असुरों का नाश किया था और सृष्टि को असुरों से मुक्त कराया था।
प्रोफेसर हरिमोहन बताते हैं कि प्रदेश के पर्यावरण को देख जाकिर हुसैन कहते थे कि छत्तीसगढ़ में लगातार सांस लेने की इच्छा होती है बल्कि दिल्ली का हाल बताते हुए कहते हैं कि वहां सांस लेना भी दुबर हो गया।
तबले के सभी हिस्सों की व्याख्या
2019 के दीक्षांत समारोह में छात्रों से मिलते हुए जाकिर हुसैन ने तबले के सभी हिस्सों की व्याख्या की थी। छात्रों को बताया था कि गुरु की आराधना कर और लगातार रियाज से आप सभी छात्र भी बेहतर तबला वादक बन सकते हैं।नियमित अभ्यास और साधना इसका मुख्य द्वार है।