संजीव कुमार सोनी
LALITPUR NEWS. गुजरे दिनों स्कूल में छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किए गए शिक्षामित्र के पक्ष में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ उतर आया है। शिक्षामित्र को रिहा करते हुए स्कूल में वापस लेने के की माँग को लेकर मण्डल के तीनों जनपद में काली पट्टी बाँध कर प्रदर्शन किया जा रहा है।
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शिक्षामित्र के पक्ष में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ लामबन्द हो गया है। स्कूल में बच्चों के साथ अश£ील हरकत करने के आरोप शिक्षामित्र संघ ने झूठा और गलत बताया है। शिक्षामित्र पर की गई गिरफ्तारी की कार्रवाई इकतरफा बताई जा रही हैं। विरोध स्वरूप मण्डल के तीनों जिलों झाँसी, ललितपुर व जालौन के हजारों शिक्षामित्र काली पट्टी बाँधकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। शासन से माँग की जा रही है कि मामले की निष्पक्ष जाँच कराई जाए। यह भी माँग की गई कि आरोपों की निष्पक्ष जाँच की जाए और शिक्षामित्र को पूर्व से किए जा रहे उत्पीडऩ की भी जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। चेतावनी दी गई कि शिक्षामित्र को विद्यालय वापस नहीं लिए जाने तक आन्दोलन जारी रहेगा। अगले सप्ताह से नियमित भूख हड़ताल करने को मजबूर होना पड़ेगा।
बताते चलें कि ललितपुर के ब्लॉक तालबेहट अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय मुखटौरा में तैनात शिक्षामित्र डरूराम विश्वकर्मा (58) पर आरोप लगाए गए थे कि वह विद्यालय में बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाकर छेड़छाड़ कर रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा है। इस पूरी कार्रवाई को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने गलत और झूठा बताया है। संघ का कहना है कि शिक्षामित्र पर लगाए गया झूठा आरोप सही मानकर बिना जाँच किए ही इकतरफा कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया है।
ऊँचनीच की भावना से हो रहा था शोषण
मण्डल अध्यक्ष ने आगे बताया कि यह भी तथ्य निकलकर सामने आए कि उक्त विद्यालय वर्षों से जातिगत ऊँच, नींच की भावना से प्रेरित होकर शिक्षमित्र डरूराम का शोषण किया जा रहा था। जातिगत दुर्भावना से ग्रसित होकर अध्यापक को बच्चों के सामने अपशब्द बोले जा रहे थे। विद्यालय के बाशरूम में ताला डालकर उनको इस्तेमाल करने से मना किया जा रहा था। यहाँ तक कि शिक्षक डरूराम विश्वकर्मा को विद्यालय में बाहर ही जूता उतारकर आने को बोला जाता था। और तो और डरूराम के पानी पीने का गिलास भी अलग रखा जाता था।
उत्पीडऩ के तथ्य उजागर फिर भी मौन
मण्डल अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह सब इसलिये किया जा रहा था क्योंकि वह नीची जाति और नीची पोस्ट पर थे। और यह सब असंवैधानिक काम अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा था। वह जानबूझकर जातिगत कारणों से अनजान बने हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अब भी सब कुछ सामने आ जाने के बाद भी शिक्षामित्र के साथ हो रहे उत्पीडऩ को नजरंदाज किया जा रहा है।
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भूख हड़ताल की चेतावनी
उन्होंने माँग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कराई जाकर शिक्षामित्र को जेल से रिहा किया जाए और वापस विद्यालय में तैनात किया जाए। साथ ही शिक्षामित्र को झूठे आरोप में फंसाने वाले शिक्षकों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए। जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अभी मण्डल के तीनों जिलों में शिक्षामित्र काली पट्टी बाँधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक सप्ताह बाद यानि 3 नवम्बर से मण्डल के शिक्षामित्र भूख हड़ताल करेंगे।
बिना किसी जाँच व सुनवाई हुई जल्दबाजी
शिक्षामित्र संघ के मण्डल अध्यक्ष नंदराम यादव ने बताया कि शिक्षामित्र डरूराम को एक महिला शिक्षिका द्वारा बनाये गए ड्रामे के आधार पर बिना किसी जांच एवं बिना किसी सुनवाई के जल्दबाजी में जेल भेज दिया गया है। इस मामले में कुछ अधिकारियों द्वारा भी जल्दबाजी की गई। बिना किसी सच्चाई जाने संवैधानिक दायरे से बाहर आकर दबाव बनाकर ग्राम प्रधान से शिक्षामित्र की सेवा समाप्त करने प्रस्ताव मंगाया गया।