BILASPUR NEWS. जिले के प्रादेशिक पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेज लेखक और स्टाम्प विक्रेता सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर संघर्षरत इस वर्ग के पास अब धैर्य खत्म हो गया है। उनकी मांगों की लगातार अनदेखी और नई तकनीकी योजनाओं के चलते उन्हें रोजगार पर मंडराते संकट ने इस कदम को उठाने पर विवश किया है।
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बता दें, दस्तावेज लेखक और स्टाम्प विक्रेताओं का मुख्य मुद्दा उनके अस्तित्व और आजीविका से जुड़ा है। इस वर्ग द्वारा बार-बार शासन को ज्ञापन सौंप चुके है। लेकिन इसके बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला किसी तरह का कोई ठोस निर्णय नहीं मिला। ऐसे में उनकी मांगें विशेष रूप से उनकी रोजगार सुरक्षा और नई तकनीकी योजनाओं हो रही समस्याओं को लेकर हैं।
काफी समय से कर रहे हैं मांग
इस संघर्ष की शुरुअरत एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल से हुई थी। इसके बाद विरोध के रूप में एक सप्ताह काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद 16 से 19 सितंबर 2024 को तीन दिवसीय हड़ताल की गई। जहां ए और ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद महानिदेशक पंजीयन ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई ऐसे में 10 अक्टूबर को पुनः पत्र लिखकर मांगों को सरकार के सामने रखा गया लेकिन इसका भी कोई उत्तर नहीं मिला। इस दौरान सरकार ने तकनीकी प्रगति के नाम पर नई योजनाओं को लागू किया जो इनकी परेशानी को बढ़ा रही है। इसी वजह से अब इन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है।
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डिजिटल काम से रोजगार को संकट
सरकार की योजनाएं खास तौर पर सुम एप और ए नजीडीआरएस पारदर्शिता और सुविधा के नाम पर लाई गई हैं। दस्तावेज लेखक और स्टाम्प विक्रेता इसे अपने रोजगार पर संकट के रूप में देख रहे हैं। डिजिटल प्रक्रियाओं के चलते इनकी भूमिका सीमित हो रही है इससे आय के स्त्रोत प्रभावित हो रहे हैं।
भटक रहे लोग
इस हड़ताल के चलते जमीन व मकान की रजिस्ट्री कराने पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेज लेखकों की गैरमौजूदगी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।