JAMMU KASHMIR NEWS. आज यानी 25 सितबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग चल रही है। इस चुनावी रण में 26 सीटों पर 239 उम्मीदवार उतरे हैं। दूसरे चरण के लिए 3502 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इस चरण में करीब 25 लाख से अधिक मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। दूसरे चरण के लिए जम्मू संभाग के तीन और कश्मीर घाटी के तीन जिलों में वोटिंग जारी है। सुबह 11 बजे तक 24.10 फीसदी वोटिंग हुई है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव देखने आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने ओमपोरा (बडगाम) में मतदान केंद्रों का दौरा किया, इसके बाद लाल चौक निर्वाचन क्षेत्र के अमीरा कदल और एसपी कॉलेज, चिनार बाग में गए।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा ने कहा कि लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। यह चुनाव इतिहास बनने जा रहा है। हमें बहुत खुशी है कि पूरी घाटी और जम्मू में उत्साह के साथ मतदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे वह श्रीनगर की घाटी हो, चाहे वह ऊंची पर्वत चोटियां हों जहां से व्यवधान के आह्वान आते थे, हर जगह लोग मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। यहां तक कि उन इलाकों में भी जहां से बहिष्कार के आह्वान होते थे, मतदाताओं में उत्साह है। यह दुनिया को देखना है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कैसे हो सकते हैं।
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इस चरण के लिए मुख्य नाम नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और भाजपा जम्मू-कश्मीर प्रमुख प्रमुख रविंदर रैना हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का निरीक्षण करने के लिए विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के केंद्र के निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव भारत का आतंरिक मामला है और मुझे नहीं पता कि विदेशियों के यहां चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने, निगरानी करने के लिए क्यों बुलाया जाना चाहिए था।
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उमर अब्दुल्ला ने राजनायिकों के दौरे पर जताई नाराजगी
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का निरीक्षण करने के लिए विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के केंद्र के निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव भारत का आतंरिक मामला है और मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव प्रक्रिया का जायजा लेने, निगरानी करने के लिए क्यों बुलाया जाना चाहिए था।