BHILAI. इंजनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए कॉउंसलिंग की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश में वैसे तो कई कॉलेज है इंजीनियरिंग के लिए, लेकिन भिलाई में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की रूचि अधिक रहती है। यहीं वजह है कि भिलाई के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज ग्रुप्स में एडमिशन के लिए काउंसलिंग के पहले दि नही लगभग सीट फुल हो गए। खास तौर रूंगटा आर-1 में एडमिशन के लिए पहले चरण में ही सभी 1458 सीटों को अलॉट कर दिया गया है।
बता दें, प्रदेश में इंजीनियरिंग के लिए गवर्नमेंट कॉलेज होने के बाद भी युवाओं का रूझान निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में ज्यादा है। या ऐसा कह सकते है कि सरकारी कॉलेज की तुलना में पहली प्राथमिका निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को दे रहे हैं। भिलाई का रूंगटा आर-1 कॉलेज पहला संस्थान बन गया है। जिसमें पहली ही काउंसलिंग में शत-प्रतिशत सीट अलॉट हो गए। बीआईटी दुर्ग की 645 सीटों में से 643 सीटों आबंटित हुई है। यहां सिर्फ दो सीटें रिक्त है। वहीं शंकराचार्य कॉलेज भिलाई की 1221 सीटों में से 696 सीटें अलॉट की गई है। इसी तरह से एसएसआईपीएमटी रायपुर की 590 सीटों में से 539 अलॉटमेंट हुए है।
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तीनों जीईसी, सीएसवीटीयू फुल
तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू अपने बीटेक कोर्स की 124 सीटों के साथ काउंसलिंग में शामिल हुआ था, जिसकी सभी सीटें अलॉट हो गई हैं। बिलासपुर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की कुल 273, रायपुर जीईसी में 294 और जगदलपुर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की सभी 282 सीटें भी आवंटित की गई है। यहां फिलहाल एक भी सीट रिक्त नहीं है।
डीवीसी के नियम बदले
पहले तक जहां छात्रों को काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन कराने डीवीसी सेंटर्स पर जाना होता है। यह व्यवस्था इस बार भी बंद ही रहेगी। कॉलेज अपने स्तर पर दस्तावेजों का सत्याप कराएंगे फिर विश्वविद्यालय नामांकन जारी करने से पहले दस्तावेजों का परीक्षण करेगा। यूजी और पीजी काउंसलिग की तारीखें अलग-अलग होगी। दस्तावेजों में किसी तरह की कमी होने पर विश्वविद्यालय नामांकन के पहले इसकी सूचना विद्यार्थियों एवं उनके कॉलेजों को दे सकता है। साथ ही छात्र का एडमिशन भी निरस्त किया जा सकेगा। किसी भी गैर मान्यता प्राप्त या यूजीसी से डिफॉल्ट विश्वविद्यालय, शिक्षा बोर्ड से स्कूलिंग करने वाले छात्र काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
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रविवार व अवकाश में भी प्रवेश
तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने बताया कि काउंसलिंग में एक पाठ्यक्रम के लिए एक अभ्यर्थी से संबंधित मात्र एक ही आवेदन स्वीकार किया जा सकेगा। यदि कोई अभ्यर्थी अपना आवेदन नहीं भर पाता है तो वह अभ्यर्थी सुविधा केंद्रों में जाकर अपने मूल दस्तावेज और फोटोयुक्त पहचान पत्र के साथ पहुंच अपना आवेदन जमा कर सकता है। काउंसलिंग के हर चरण में अभ्यर्थी को अलग से आवेदन करना होगा। यदि पूर्व चरण में अलॉट हुई सीट पर प्रवेश ले लिया गया है और दूसरे चरण के लिए आवेदन किया गया है तो पूर्व सीट निरस्त हो जाएगी। खास बात यह होगी कि रविवार और शासकीय अवकाश के दिन भी सुविधा केंद्र और कॉलेज खुले रहेंगे। अवकाश में भी प्रवेश दिए जा सकेंगे।
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द्वितीय चरण की काउंसलिंग
बीटेक, बीटेक लेटरल, एमटेक, एमबीए -पंजीयन – 22 से 27 अगस्त तक आवंटन – 29 अगस्त, संस्था प्रवेश की तिथि – 30 अगस्त से 3 सितंबर तक – डिप्लोमा इंजीनियरिंग, डिप्लोमा लेटरल, एमसीए – पंजीयन – 28 से 31 अगस्त तक आवंटन – 3 सितंबर
संस्था प्रवेश की तिथि – 4 से 7 सितंबर तक ऐसा है आईएल का शेड्यूल बैचलर प्रोग्राम, डिप्लोमा और मास्टर्स – पंजीयन – 9 और 10 सितंबर- मेरिट सूची – 12 सितंबर।