रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे का काम इस साल शुरू हो जाएगा। इकोनामिक कॉरिडोर के तहत विकसित किए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे पर छत्तीसगढ़ की पहली फोरलेन सुरंग केशकाल की पहाड़ियों से होकर गुजरेगी। आगे चलकर ओडिशा में भी इस मार्ग पर दो और सुरंग बनाई जाएगी।
रायपुर के पास अभनपुर से शुरू होकर यह एक्सप्रेस हाइवे आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सब्बावरम तक बनाई जाएगी। राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच जगदलपुर होकर जाने से करीब 625 किमी की दूरी इस मार्ग पर केशकाल, सुनकी व सालूर घाटियों को पार करना होता है, जिससे भारी वाहनों को गुजरने में दिक्कतें आती है, सफर भी खर्चीला होता है। भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जाने वाले एक्सप्रेस-वे से लगभग 175 किमी का सफर कम हो जाएगा।
भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल इस एक्सप्रेस-वे की मॉनिटरिंग पीएमओ से की जा रही है। छत्तीसगढ़ में यह एक्सप्रेस-वे तीन हिस्से में बनाया जाएगा, जिसे 2025 तक पूरा किया जाना है।
एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) करेगा। 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6 लेन की सड़क बनेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर ओडिशा में 240 किमी और आंध्र प्रदेश में 100 किमी सड़क बनाई जाएगी। कुल 465 किमी की यह सड़क रायपुर विशाखापट्टनम इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में तीन बड़ी सुरंगों से होकर गुजरेगी।
19 हिस्सों वाले प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ में तीन
ग्रीन फील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के इस एक्सप्रेस-वे को 19 पैकेज में पूरा किया जाएगा, जिसमें 3 छत्तीसगढ़ में, 11 पैकेज ओडिशा में और 5 पैकेज आंध्र प्रदेश में शामिल हैं। इस एक्सप्रेस वे पर ओडिशा के सुनकी घाटी में दो सुरंग भी बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई क्रमश 3.5 और 1.5 किलोमीटर की होगी। 20 हजार करोड़ के इस एक्सप्रेस-वे में ओडिशा में 240 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी, जबकि शेष 10 हजार करोड़ से आंध्र प्रदेश में 100 किमी और छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क का निर्माण होगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद पड़ोसी राज्य भी सीधे छत्तीसगढ़ में एंट्री कर सकेंगे।
सलना-पलना के बाद ओडिशा में एंट्री
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. चौधरी ने बताया कि दुधावा डैम के पास से होते हुए कांकेर केशकाल की पहाड़ियों से होकर यह एक्सप्रेस-वे सलना-पलना के बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा। इसी एक्सप्रेस-वे में छत्तीसगढ़ में ढाई किलो मीटर लंबी फोरलेन की एक सुरंग भी बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ के 124 किलोमीटर हिस्से के लिए अवाॅर्ड मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें एक का अवार्ड भी हो चुका है।