BILASPUR. कोयला घोटाले मामले में निलंबित उपसचिव के जमानत याचिका पर सुनवाई छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हुई। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई तो की लेकिन फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट में सौम्या चौरसिया के वकील ने पक्ष रखते हुए पिछली न्यायिक रिमांड डेट को ईओडब्ल्यू के पत्र का हवाला देते हुए कि ईओडब्ल्यू ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई। कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है।
बता दें, प्रदेश में कोयला घोटाला मामले में कई आईएएस अधिकारी व व्यापारी नेता का नाम सामने आया। सभी पर कार्रवाई करते हुए पूछताछ कर जेल में डाल दिया गया। इसमें से उपसचिव सौम्या चौरसिया पर कोयला घोटाला में शामिल होने का आरोप है।
उन्हें वर्ष 2023 में जुलाई में जेल में बंद कर दिया गया था तब से अभी तक कई बार जमानत के लिए याचिका दायर कर चुकी है। इसकी सुनवाई गुरुवार को हाईकोर्ट में हुई। लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। एसीबी की तरफ से डॉ सौरभकुमार पांडे और बचाव पक्ष से वकील हर्षवधन परघनिया व फैसल रिजवी पैरवी की।
ईओडब्ल्यू पत्र का दिया हवाला
सौम्या चौरसिया के वकील ने बचाव करते हुए ईओडब्ल्यू के प्रस्तुत पत्र का हवाला दिया और कहा कि ईओडब्ल्यू ने अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई है।
साथ ही ईडी के एफआईआर और ईओडब्ल्यू की एफआईआर में कही भी पद का दुरुपयोग करने का सबूत नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों सुनवाई का हवाला दिया और न्यायदृष्टांत प्रस्तुत कर जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया।