रायपुर। राजधानी रायपुर मे एक पत्रकार को पुलिस कस्टडी में सैनिटाइजर पिलाने का आरोप सामने आया है। इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( National Human Rights Commission) ने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए रायपुर पुलिस (Raipur Police) से पत्र लिख कर जवाब मांगा है।
जानकारी के अनुसार इस पूरे प्रकरण पर आयोग के विधि विभाग के सहायक पंजीयक इंद्रजीत कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( Superintendent of Police) को पत्र लिखकर 4 सप्ताह के भीतर इस पूरे प्रकरण पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।
दरअसल, आरोपी पत्रकार सुनील नामदेव की पत्नी मनमीत कौर (Manmeet Kaur) ने आयोग को पत्र लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की थी। अपनी लिखित शिकायत में मनमीत कौर ने बताया है कि रायपुर पुलिस ने उनके पति एवं पत्रकार सुनील नामदेव को जबरन सैनिटाइजर पिलाया, जिसके पश्चात उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें भीमराव अंबेडकर अस्पताल में ले जाया गया था। जहां चिकित्सकों द्वारा उनका एमएलसी भी कराया गया था, जिसमें उन्हें सैनिटाइजर पिलाने की पुष्टि की गई थी।
मनमीत कौर ने अपने लिखित शिकायत में आगे लिखा है कि इस बाबत उन्होंने जिला न्यायाधीश के समक्ष भी बयान दिया था, जिसके उपरांत जिला न्यायाधीश द्वारा इस प्रकरण में पुलिस को त्वरित रूप से जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था। हालांकि 9 महीने बीत जाने के उपरांत भी पुलिस इस प्रकरण में कार्रवाई करने से बचती रही है।
पत्रकार पर लगे आरोप बेबुनियादः आयोग
अब मनमीत कौर के पत्र पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को लिखे अपने पत्र में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस द्वारा पत्रकार नामदेव को झूठे और बेबुनियाद प्रकरण में फंसाया गया है, आयोग ने कहा है कि यह कार्रवाई तक की गई जब नामदेव द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों के अंतर्गत व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया गया।
(TNS)