NEW DELHI. लोकसभा चुनाव से पहले कई बड़े कांग्रेस नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ BJP में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने के आरोप लगाए थे। लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान से वल्लभ का पलायन कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने के आरोप लगाए थे।
वल्लभ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। वल्लभ के साथ बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ली। BJP में शामिल होने पर गौरव वल्लभ ने कहा कि 2-3 प्रमुख मुद्दे थे जिन्हें मैंने अपने इस्तीफे पत्र में उजागर किया था( मैं सुबह-शाम संपत्ति बनाने वालों को गाली नहीं दे सकता। धन पैदा करना कोई अपराध नहीं है।
गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने सुबह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पत्र पोस्ट किया…उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथा लिखी…मेरा शुरू से यही विचार रहा है कि भगवान श्री राम के मंदिर (अयोध्या में) का निर्माण होना चाहिए।
एक निमंत्रण मिला और कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता…गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर सवाल उठाए, कांग्रेस इसका जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
बता दें कि दो दिनों के भीतर ही कांग्रेस को तीन राज्यों में तीन बड़े झटके लगे हैं। एक ओर जहां राजस्थान से आने वाले वल्लभ ने और बिहार कांग्रेस के दिग्गज शर्मा ने भाजपा का दामन थामा है तो वहीं, पार्टी से तनातनी के बीच महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना का दामन थामा।
संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना
कांग्रेस से निकाले जाने के एक दिन बाद, पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को कांग्रस पार्टी पर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व में जबरदस्त अहंकार है। कांग्रेस इतिहास है और इसका कोई भविष्य नहीं है और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) तीन बीमार इकाइयों का विलय है।