BHILAI. भिलाई के जामुल में आज यानी 10 मार्च को उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंन्द: सरस्वती 1008 जी महाराज का आगमन हुआ।
स्वामी जी का बाजे–गाजे और फुल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। पश्चात् स्वस्ति वाचन कर शंख व घंटी की ध्वनी के साथ महाराज जी का जामुल के उपाध्याय निवास में पदार्पण हुआ।
ईश्वर उपाध्याय के निवास में शंकराचार्य जी के आगमन के बाद परिवार द्वारा पादुका पुजन कर आशीर्वाद लिया गया। शंकराचार्य जी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में सनातनी एकत्रित हुए। पूजन व दर्शन के बाद सभी उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरण किया गया।
भिलाईवासियों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि, एक ही सप्ताह के अंदर जामुल नगर में दोबारा दूसरे शंकराचार्य जी का आगमन हुआ है। लगभग इससे एक सप्ताफ पहले जामुल नगर में 2 मार्च शनिवार को विशाल हिंदू राष्ट्र धर्म सभा के लिए धर्मध्वजरक्षक परमधर्माधीश सर्वोच्च गुरु अनंत श्री विभूषित ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ-पुरीपीठाधीश्वर परमपूजनीय श्रीमज्जग्दगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का तीन दिवसीय प्रवास हुआ था।
जामुल के उपाध्याय निवास में तीन दिनों तक सनातनियों की भीड़ लगी रही। इस तीन दिवसीय आयोजन में शंकराचार्य जी ने दर्शन के साथ दीक्षा, संगोष्ठी व हिन्दू राष्ट्रधर्म धार्मसभा को संबोधित किया था।
इस शुभ अवसर पर ईश्वर उपाध्याय ने कहा कि, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि एक सप्ताह के भीतर दो शंकराचार्य गुरुओं का जामुल आगमन हुआ है।
इस भव्य एवं मंगल आयोजन का परिणाम जल्द ही सभी सनातनीयों को प्राप्त होगा। ऐसे विद्वान गुरुओं के आगम और इनके द्वारा की गई धर्मसभा से गौ रक्षा, धर्मान्तरण पर रोक, घर वापसी व शास्त्रों की शिक्षा आदि में तीव्र गति से कार्य होंगे जो हर सनातनी का सपना है। हम सब मिलकर इसे पूरा करने का हर संभव प्रयास भी करेंगे।