BILASPUR.अपोलो अस्पताल के चार डॉक्टरों को लापरवाही बरतने व सबूत मिटाने के आरोप में शुक्रवार की शाम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चारों अपोलो के सीनियर डॉक्टर है। गोल्डी छाबड़ा की मौत मामले में गिरफ्तारी हुई है। परिजनों ने हाईकोर्ट समक्ष गुहार लगाई थी। जिसके जांच के आदेश कोर्ट ने दिए थे। जिसमें इन डॉक्टरों को नाम सामने आया। कोर्ट के आदेश पर ही गिरफ्तारी हुई है।
बता दें, सात साल पहले अपोलो अस्पताल में गोल्डी उर्फ गुरबीन छाबड़ा आदर्श कॉलोनी निवासी को वर्ष 2016 के 25 दिसंबर को में पेट में दर्द हुआ। परिवार ने उसे इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में चेकअप के लिए लेकर गए। जहां पर उसे एडमिट किया गया। दूसरे दिन 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मौत के आरोप लगाए और सिटी कोतवाली पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को दबा दिया। जिसके बाद गोल्डी के पिता परमजीत छाबड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ जांच कर केस दर्ज करने की मांग की थी।
4 साल पहले हाईकोर्ट ने पुलिस को दोबारा इस केस की जांच कराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने जांच कराई और मेडिको लीगल संस्थान से राय मांगी। जांच रिपोर्ट में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने के बाद 3 महीने पहले पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
इन डॉक्टरों को किया गिरफ्तार
पहले तो सरकण्डा थाना टीआई ने गिरफ्तारी के लिए जांच का बहाना बनाया। थाने में दर्ज रिपोर्ट में डॉक्टरों का नाम शामिल नहीं था जिसे परिजनों ने विरोध के बाद बयान में इलाज करने वाले डॉ.देवेन्द्र सिंह, डॉ.राजीव लोचन, डॉ.मनोज राय और डॉ.सुनील केडिया का नाम बताया और उन्हें आरोपी बनाने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश के तीन माह के बाद सरकण्डा पुलिस ने इन चारों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया। वहीं अपोलो प्रबंधन के खिलाफ भी जांच की मांग की है।