RAIPUR. ठंड का कहर सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे भारत भर में है। उत्तरी हवाओं के लगातार आने से प्रदेश में ठिठुरन वाली सर्दी का अहसास किया जा रहा है। ठंड में सर्दी-खासी जैसी समस्या आम होती है, लेकिन इन दिनों हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में ठंड में हार्ट की समस्या से जूझ रहे लोगों को क्या करना चाहिए। हर कोई जानना चाहता है कि हार्ट अटैक से कैसे बचा जाए या फिर किस तरह से हार्ट के मरीज अपना ख्याल रखें।
भिलाई के स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. असलम के अनुसार ठंड के मौसम का असर सबसे ज्यादा दिल के मरीजों पर पड़ता है। इस मौसम में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में दिल के मरीजों को खास ध्यान रखना चाहिए। दिल के मरीजों को खान-पान के साथ ही मानसिक रूप से भी खुद को स्ट्रांग रखना चाहिए। क्योंकि ज्यादातर हार्ट अटैक के केस तो सदमे या फिर मानसिक अशांति के कारण होते हैं। इस दौरान वे लोग जो गंभीर रूप से हार्ट के बीमारी से जूझ रहे है उन्हें तो खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है।
ठंड में इस वजह से होते है हार्ट अटैक
ठंड के मौसम में दिल का दौरा पड़ने का खतरा गर्मी के मौसम की तुलना में दो गुना अधिक होता है। सर्दियों के मौसम में हमारे दिल को ब्लड पंप करने के लिए दो गुनी मेहनत करनी पड़ती है। कम तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं अस्थायी रूप से संकरी हो जाती है। इससे रक्तचाप बढ़ जाता है क्योंकि संकुचित नसों और धमनियों के जरिए से ब्लड फ्लो को अधिक दबाव की आवश्यकता होती है। ऐसे में ब्लड फ्लो में काफी परेशानी आती है और हृदय की मांसपेशियों को र्प्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इस वजह से सर्दियों में खून के थक्के बनने लगते हैं। इससे दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है।
हार्ट के मरीज इन उपायों से रखें अपना ख्याल
–ठंड से सबसे पहले बचाव की जरूरत है। सर्दियों के मौसम में सुरक्षित रहने के लिए खुद को ठंड से बचाना जरूरी है। भीषण सर्दी में अपने शरीर को गर्म रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कपड़े पहनने की कोशिश करें। साथ ही सुबह या देर रात के समय बाहर जाने से बचें।
–सही आहार लेना भी जरूरी होता है। अगर आप दिल के मरीज हैं तो सर्दियों में खुद को सेहतमंद रखने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें। इसके लिए अपनी डाइट में कई तरह के फल और सब्जियों, साबुत अनाज व कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट लें। यदि आप नॉनवेजिटेरियन हैं तो बिना स्किन के पोल्ट्री और मछली, नट्स को भोजन में शामिल करें।
–दिल के मरीजों को शारीरिक रूप से भी सक्रिय रहने की जरूरत है। व्यायाम काफी फायदेमंद होता है। इसलिए खुद को सेहतमंद बनाए रखने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
–सर्दी में अपने वाइटल की जांच कराते रहे। दिल के मरीज हैं तब तो ये जांच कराते रहना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन डी, किडनी का जांच कराते रहें।
–समय-समय पर डॉक्टर की परामर्श भी लेते रहें। क्योंकि हार्ट के मरीजों को कई बार छाती के मध्यभाग तो कभी साइड में दर्द या सूजन की समस्या होती रहती है। इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।