BHILAI. बीजेपी ने दुर्ग सांसद विजय बघेल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन से उतारकर आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी व्यूह रचना करने की रणनीति जाहिर कर दी है। अगर ये कहा जाए कि विजय बघेल को मैदान में उतारकर बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल को बांधने की कोशिश की है तो गलत नहीं होगा। अब संभावना ये भी बन रही है कि या तो भूपेश बघेल पाटन विधान सभा को छोड़ सकते हैं या फिर दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं।
रिश्ते में चाचा-भतीजा सीएम भूपेश बघेल और दुर्ग सांसद विजय बघेल लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। अगर सीएम भूपेश बघेल पाटन विधानसभा से चुनाव में उतरते हैं तो चौथी बार ऐसा मौका होगा जब भूपेश और विजय आमने सामने होंगे। पहले हो चुके तीन मुकाबलों में चाचा यानी भूपेश बघेल भारी पड़े और दो बार उन्होंने भतीजे यानी विजय बघेल को मात दी। जबकि एक बार भूपेश बघेल को अपने भतीजे से मात खानी पड़ी।
सबसे पहले 2003 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल और विजय बघेल आमने-सामने हुए थे। तब भूपेश बघेल कांग्रेस से उम्मीदवार थे, जबिक विजय बघेल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से मैदान में थे। इस चुनाव में भूपेश बघेल की जीत हुई थी। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में विजय बघेल की जीत हुई। इस चुनाव में विजय बघेल बीजेपी से उम्मीदवार थे। 2013 में एक बार फिर चाचा-भतीजा आमने सामने हुए। इस बार भी विजय बघेल भाजपा से और भूपेश बघेल कांग्रेस के उम्मीदवार थे। इस चुनाव में भूपेश बघेल की जीत हुई थी।
असर नंबर-1 : सीएम भूपेश बघेल को बांधने की कोशिश
भाजपा ने सांसद विजय बघेल को टिकट देकर सीएम भूपेश बघेल को बांधने की कोशिश की है। दरअसल सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आज सबसे बड़ा चेहरा हैं। उन्हीं के दम पर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आने का सपना संजोय है। ऐसे में यदि उनके चुनौती देने के लिए विजय बघेल जैसे मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाता है तो चुनाव में सीएम भूपेश बघेल का फोकस अपनी विधानसभा तक सीमित हो जाएगा। इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।
असर नंबर-2 : सीएम भूपेश बदल सकते हैं सीट
पूरे प्रदेश में समान फोकस बनाए रखने की रणनीति के तहत सीएम भूपेश बघेल या तो दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट को छोड़कर किसी और सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। दूसरा विकल्प ये हो सकता है कि वे पाटन विधानसभा के साथ-साथ किसी अन्य सीट से भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
असर नंबर-3 : दोनों परिस्थिति में भाजपा ढूंढेगी मौका
भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि यदि सीएम भूपेश पाटन विधानसभा से ही चुनाव लड़ेंगे तो सीएम भूपेश बघेल का अन्य विधानसभाओं में चुनाव प्रचार का समय कम हो सकता है। इसका लाभ भाजपा उठाने की कोशिश करेगी। और यदि सीएम सीट बदलते हैं या दो जगह से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को यह कहने का मौका मिल जाएगा हार के डर से ऐसा किया जा रहा है।