DURG. जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्ट्री में हुए अग्निकांड में सभी आरोपियों को बेकसूर बताते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया है। यह फैसला प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामके की अदालत ने सुनाई है। पुलिस ने इस मामले में 52 लोगों के खिलाफ नामजद और 200 से अधिक के खिलाफ संदिग्ध के रूप में मामला दर्ज किया था।
हत्या का प्रयास, लूट, बलवा, डकैती सहित गंभीर धाराओं के तहत 8 प्रकरण और 13 केस सामान्य सहित कुल 21 प्रकरण दर्ज किए थे।
दरअसल, करीब 10 साल पहले यानी 4 अप्रैल 2013 को नंदनी थाना क्षेत्र के मलपुरी खुर्द स्थित फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ था। कुछ उपद्रवियों ने फैक्ट्री के अंदर आग लगा दी थी। इसमें 40 से अधिक गाड़ियां जला दी गई। अग्निकांड को रोकने के लिए जामुल, नंदनी, सुपेला, छावनी, पुलगांव, धमधा सहित 8 थानों से 200 जवानों का बल पहुंचा था।
मामला इतना बड़ा हो गया था कि तत्कालीन कलेक्टर ब्रजेश मिश्रा, एसपी आनंद छाबड़ा ने खुद कमान संभाली थी। इस दौरान हुई आगजनी में पुलिस ने आरोप लगाया कि उपद्रवियों ने आग लगाने के साथ पुलिस अधिकारियों को मारा, उनके कपड़े फाड़े और उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की।
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में 52 लोगों के खिलाफ नामजद और 200 से अधिक के खिलाफ संदिग्ध के रूप में मामला दर्ज किया था। पुलिस ने हत्या का प्रयास, लूट, बलवा, डकैती सहित गंभीर धाराओं के तहत 8 प्रकरण और 13 केस सामान्य सहित कुल 21 प्रकरण दर्ज किए थे।
ग्रामीणों की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बीपी सिंह ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा फैसला है। पुलिस ने गांव के भोले-भाले बेकसूर ग्रामीणों को फंसाया, लेकिन उन्हें आज न्याय मिला है। 10 साल से चला आ रहा यह प्रकरण इतना उलझ गया था कि कई जजों ने इसकी सुनवाई की, लेकिन फैसला नहीं आ रहा था। प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामके ने इस मामले को गंभीरता से सुना और 22 जून 2023 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त किया है।