KAWARDHA . पदक विजेता कराटे खिलाड़ी को सम्मान नहीं मिलने का मामला सामने आया है। दरअसल, एक कराटे खिलाड़ी के पिता ने कवर्धा एसपी और कलेक्टर से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। पिता ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि मेरी बेटी प्रज्ञा बंजारे बायपास रोड कवर्धा कराटे एकेडमी कोच आकाश राजपूत के निर्देशन में प्रैक्टिस करती है, जो कुछ दिनों के लिए समर कैंप में प्रैक्टिस करने भिलाई चली गई थी। उसे राज्य स्तरीय कराटे टूर्नामेंट में खेलने के लिए कोच आकाश राजपूत से पूछने पर भिलाई से खेलने को कहा गया और प्रज्ञा को गोल्ड मेडल आया।
पिता जयप्रकाश बंजारे के अनुसार इस जीत की खुशी से मेरी बेटी 29 मई को कवर्धा कराटे एकेडमी गई। वहां सभी खिलाड़ियों को 4 गोल्ड मेडल विजेताओं को कोच ने मेडल पहनाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही सभी को बधाई व फोटो भी खिंचवाई गई, लेकिन मेरी बेटी प्रज्ञा को उनकी गोल्ड मेडल को देख कर भी इग्नोर कर दिया गया। किसी बात पर पूछा ही नहीं गया और न ही बधाई, फोटो और प्रेस नोट में नाम तक नहीं दिया गया। इस दौरान सभी कराटे क्लास के विद्यार्थी और प्रेस वाले भी मौजूद थे। सम्मान नहीं मिलने से वह रोती हुई घर आई, जो आज भी डिप्रेशन में है। सरकार लड़कियों को आगे बढ़ाने की बात करती हैं, लेकिन ऐसी तुच्छ सोच वाले कोच आज भी प्रतिभा को दबाने एकलव्य की अंगूठा काटने को आतुर हैं। मेरी बड़ी बेटी रोशनी बंजारे 2019 में नेशनल में गोल्ड मेडल दिलाकर छत्तीसगढ़ और कबीरधाम जिले का नाम रोशन की थी।
वसूल रहे मनमानी पैसा, पूछने पर धमकाया भी
प्रज्ञा बंजारे के पिता ने आरोप लगाया कि आजकल कोच द्वारा सभी बच्चों से बिजनेस बनाकर फीस वसूलने व खिलाड़ियों से ही प्रैक्टिस कराया जा रहा है। जब दिल्ली में टूर्नामेंट हुआ तो सभी विद्यार्थियों से 11000 रुपए लिया गया था, जबकि अन्य जगह मात्र 6000 रुपए ही लिया गया। मेरी बेटी टूर्नामेंट के लिए मनमाने फीस पर सवाल कर देती थी, तो सीआर खराब करने धमकाया जाता है। ऐसी छोटी सोच का कोच की शर्मनाक मानसिकता निंदनीय है। कार्यशैली भेदभाव रवैया की रिपोर्ट से भविष्य के निर्माता बच्चों की मानसिकता डिप्रेशन में है, जो मेरे बच्चों के साथ हुआ है, वह किसी और बच्चे के साथ न हो, इसलिए कार्रवाई की अपील करता हूं।