RAIPUR. सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए 2022 के यातायात नियमों के उल्लंघन से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि रायपुर भी देश के उन शहरों में शुमार है, जहां ई-चालान के जरिये 2 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माने के रूप में राजस्व हासिल किया गया. हालांकि समग्र भारत के 115 शहरों में दिल्ली एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली के जरिये जारी किए गए ई-चालान की संख्या के मामले में शीर्ष पर है. आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली ने ई-चालान के माध्यम से देश भर में सबसे ज्यादा जुर्माना भी वसूला. दिल्ली में यातायात नियमों के उल्लंघन पर औसतन हर रोज 16 हजार ई-चालान जारी किए. यही नहीं, इन ई-चालान के जरिये हर रोज औसतन 6 लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर के अलग-अलग शहरों के आईटीएमएस के जरिए ई-चालान से जुड़े आंकड़े राज्यसभा में पेश किए थे.
आंकड़ों से पता चलता है 2022 में ई-चालान जारी करने और इसके जरिये राजस्व उत्पन्न करने के लिए 115 शहरों में दिल्ली शीर्ष पर रहा. राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिलों में लगभग 59.40 लाख ई-चालान जारी किए गए और उक्त वर्ष में 22.15 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया. एकत्र किए गए राजस्व के मामले में चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर था, जबकि गुरुग्राम ने दूसरा सबसे अधिक चालान जारी किया. चंडीगढ़ में 2022 के दौरान 4.80 लाख ई-चालान जारी किए गए और 8.56 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ, जबकि गुरुग्राम में 6.79 लाख ई-चालान जारी किए गए और 4.03 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया.
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में ई-चालान से मिला राजस्व चार सबसे बड़े एनसीआर जिलों के दोगुने से अधिक है. दिल्ली के एनसीआर जिलों में गुरुग्राम (4.03 करोड़ रुपये), जीबी नगर (3.17 करोड़ रुपये); फरीदाबाद (2.11 करोड़ रुपये) और गाजियाबाद (1.09 करोड़ रुपये), इनके बाद उन्नाव, 3.13 करोड़ रुपये के राजस्व सृजन के साथ दिल्ली, चंडीगढ़, गुरुग्राम और गौतम बुद्ध (जीबी) नगर के बाद सूची में पांचवें स्थान पर था. ई-चालान के माध्यम से 2 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व अर्जित करने वाले शहरों में भुवनेश्वर (2.50 करोड़ रुपये); आगरा (2.42 करोड़ रुपये); लखनऊ (2.29 करोड़ रुपये); रायपुर (2.23 करोड़ रुपये); फरीदाबाद (2.11 करोड़ रुपये) और कानपुर नगर (2.03 करोड़ रुपये) है.
सरकारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी में जारी किए गए ई-चालान 2018 और 2022 के बीच लगभग 16 गुना बढ़ गए हैं. यानी 3.81 लाख चालान से 59.4 लाख चालान. इसके अलावा आंकड़ों से पता चलता है उत्पन्न राजस्व 2018 के 36.67 लाख रुपये से बढ़कर 2022 में 22.1 करोड़ रुपये हो गया है. 2020 के दौरान, जिस वर्ष कोरोनवायरस के कारण देशव्यापी तालाबंदी देखी गई, राष्ट्रीय राजधानी में असाधारण रूप से उच्च चालान देखे गए. उस समय भी 1.2 करोड़ चालान जारी किए गए, जिनसे लगभग 112 करोड़ रुपये वसूला गया.