
BILASPUR. बिलासपुर में चल रहे हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन को अपना समर्थन देने आज किसान नेता राकेश टिकैत छत्तीसगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा की। बिलासपुर में टिकैत ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई 90 वर्ष लड़ी गई थी। ठीक उसी तरह किसानों का आंदोलन भी लंबा चलेगा, जिस तरह कोरोना खत्म होने के बाद भी हॉस्पिटल चल रहे हैं। उसी तरह देश में और भी कई बीमारियां हैं उसके लिए आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी बार छत्तीसगढ़ आए टिकैत ने हसदेव अरण्य आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि जब तक बीमारी रहेगी तब तक अस्पताल चलता है। इसी तरह से किसान आंदोलन भी है। यदि आंदोलन खत्म हुआ तो पूरा सिस्टम बंजर हो जाएगा। अभी भी इनकी नजरें हमारी जमीनों पर हैं। बड़े व्यापारी, उद्योगपति, जमीनों में अपना पैसा लगा रहे हैं। एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है। हमको अपना जमीन बचाना है तो आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ेगा।

किसानों का जमीन लूटा जा रहा, इसके लिए केंद्र-राज्य दोनों सरकारें जिम्मेदार
मीडिया से चर्चा के दौरान टिकैत ने कहा कि हम लोगों को आगाह करने का काम कर रहे हैं। बदलना ना बदलना जो चुनाव लड़ेगा उनका काम है। किसान अपनी जमीन जायदाद देने के लिए तैयार नहीं है, जिस तरह से किसान बेघर हो रहे हैं। उनकी जमीनों को लूटा जा रहा है। उसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार जिम्मेदार है। राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के लिए देश में बड़े आंदोलन की जरूरत पड़ेगी। वैचारिक रूप से पूरे देश में माहौल है। आने वाले समय में देश में वैचारिक क्रांति होगी। दुनिया में परिवर्तन ना कोई हथियार बल्कि वैचारिक क्रांति ही लाएगा। दो करोड़ नौकरियां देने की बात कही गई, लेकिन नहीं मिला। 15 लाख की बात की तो 5 किलो अनाज मिला और आज 5 किलो अनाज पर भी भरोसा नहीं रहा कि मिलेगा की नहीं।

जंगल-नदियां नहीं होने से पर्यावरण को नुकसान होगा
टिकैत ने नदी के आसपास जंगल काटने की खिलाफत करते हुए कहा कि इससे पर्यावरण को नुकसान होगा। जंगल बचेगी तो नदियां बचेंगी, नदिया बचेंगी तो जीवन रहेगा। जब लोग नहीं चाहते जंगल नष्ट हो तो जंगल नहीं काटना चाहिए, जो सुविधाएं हम ले रहे हैं। देश में कोयला, बिजली के रूप में यहां की जनता इसका भुगतान कैसे करती है, इसे लोगों को समझना चाहिए। टिकैत ने कहा कि राज्य सरकार की कुछ व्यवस्था, पॉलिसी अच्छी है। पूरे देश में इन नीतियों को लागू होना चाहिए।








































