BILASPUR. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर आज बिलासपुर पहुंचे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की रीति-नीति रही है कि संसदीय बोर्ड तय करता है कि मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ा जाए या फिर बगैर चेहरा रखकर लड़ा जाए। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भी संसदीय बोर्ड ही यह तय करेगा।
प्रभारी ओम माथुर ने प्रदेश में चल रहे आरक्षण विवाद पर कहा कि यह राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच टकराव नहीं, बल्कि कानूनी और तकनीकी मामला है। संगठनात्मक सिलसिले में एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर प्रभारी ओम माथुर ने भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा की। ‘छत्तीसगढ़ में बीजेपी किसके चेहरे को आगे रखकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी’ सवाल पर उन्होंने इसे BJP की रीति-नीति से जोड़ते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही यह तय करता है कि पार्टी किसी नेता के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ेगी या फिर बिना चेहरे के चुनावी मैदान में उतरेगी। छत्तीसगढ़ के लिए भी यही बात लागू हो रही है। उन्होंने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केरल समेत कुछ राज्य में अपनायी गई बात को उदाहरण दिया। वहां पार्टी ने किसी नेता के चेहरे को आगे नहीं किया और अधिकतर में सफलता भी मिली। अब आगे भी संसदीय बोर्ड जो तय करेगा, उसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी कदम बढ़ाएंगे।

सभी जिलों का करेंगे दौरान
उन्होंने सांगठनिक विषयों पर कहा कि प्रदेश प्रभारी के रूप में कामकाज संभालने के बाद सभी जिलों में प्रवास करना और कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से संवाद करना व संगठन के मुताबिक व्यवस्था बनाना ही उनके आने का एकमात्र उद्देश्य है।





































