BHILAI. दुर्ग पुलिस ने दो ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने दर्जनों लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर हेरा-फेरी की गई। दुर्ग पुलिस ने एक आरोपी को छत्तीसगढ़ और दूसरे को उत्तरप्रदेश से हिरासत में लिया है।

पीड़ित द्वारा छावनी थाने में नौकरी के नाम पर 34 लाख 16 हजार रुपए की ठगी की शिकायत की गई थी जिसपर दुर्ग पुलिस ने जांच-पड़ताल की गई। इसके आधार पर पुलिस की दो टीमें उत्तरप्रदेश के कानपुर और छत्तीसगढ़ के जांजगीर रवाना की गई। वहां के निवासी दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई। तब मामले का खुलासा हो पाया।

दुर्ग पुलिस ने कानपुर से अंकित सिंह को और जांजगीर-चांपा से नूतन चौहान को हिरासत में लिया गया। दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि आरोपी अंकिम सिंह के बैंक खाते का स्टेटमेंट का एनालाइज किया गया, जिसके आधार पर एक करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन का खुलासा हो पाया। इसमें 70 लाख रुपए के ठग का पर्दाफाश हो चुका है। जबकि 30 लाख रुपए का लेन-देन भी संदेह के दायरे में है, जिसकी दुर्ग पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।

सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर करते थे ठग
पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा शासकीय विभागों और उपक्रमों में नौकरी लगाने के लिए झांसे में लिया जाता रहा। इसमें एसबीआई बैंक, विद्युत विभाग, पुलिस विभाग आदि में चपरासी, क्लर्क और अधिकारी बनाने के लिए झांसे में लिया गया।

पूर्व में दर्ज हो चुका है मामला
पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा पूर्व में भी जांजगीर-चांपा, सक्ती और कांकेर में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी। इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर जांच कर रही थी लेकिन आरोपी फरार हो गए थे। साथ ही कोरबा के बालको थाने में वर्ष 2019 में धारा 120बी और धारा 420 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया था। तब आरोपियों ने पीड़ितों को बैंक ऑफ बडोदा में नौकरी के नाम पर तीन लाख 27 हजार रुपए ठगे थे।



































